एकीकृत पेंशन योजना अपनाने वाले सरकारी कर्मचारियों की संख्या कम, केवल 4% जुड़े: रिपोर्ट

केंद्र सरकार द्वारा इस साल अप्रैल में लागू किए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में अब तक केवल 1,00,000 से ज़्यादा यानी 25 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों में से केवल 4% ने ही यूपीएस का विकल्प चुना है. यूपीएस के तहत न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति पर अंतिम प्राप्त वेतन के 50% के बराबर पेंशन सुनिश्चित की जाती है.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने इस साल अप्रैल में एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme) (यूपीएस) शुरू की थी, लेकिन अब तक केवल 1,00,000 से ज़्यादा यानी 25 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों में से केवल 4% ने ही यूपीएस का विकल्प चुना है.

ज्ञात हो कि यूपीएस को अपनाने के लिए पहले 30 जून की समयसीमा तय की गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 30 सितंबर और फिर 30 नवंबर कर दिया गया.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अक्टूबर, 2025 तक उपलब्ध यूपीएस नामांकन के विवरण के अनुसार, 38,569 सिविल कर्मचारियों ने यूपीएस को चुना है, इसके बाद रेलवे (23,529), डाक (18,303), रक्षा (11,144) और दूरसंचार (349) का स्थान है.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीएस को कम अपनाने का कारण जागरूकता की कमी और अर्धसैनिक बल तथा रेलवे कर्मचारियों का प्रतिरोध हो सकता है, जो राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों का लगभग दो-तिहाई हिस्सा हैं.

1 अप्रैल 2025 से लागू यूपीएस को केंद्र सरकार ने अगस्त 2024 में मंज़ूरी दी थी. यूपीएस के तहत न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति पर अंतिम प्राप्त वेतन (सेवा के अंतिम 12 महीनों का औसत मूल वेतन) के 50% के बराबर पेंशन सुनिश्चित की जाती है. कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति कोष के लिए मूल वेतन का 10% योगदान करना होता है. यह योजना कर्मचारियों को महंगाई के अनुरूप समय-समय पर महंगाई राहत में वृद्धि का भी आश्वासन देती है.

योजना के अनुसार, पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद उसके जीवनसाथी को अंतिम प्राप्त पेंशन के 60% के बराबर भुगतान का भी आश्वासन दिया जाता है. यह योजना न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा वाले सभी कर्मचारियों को 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन भी प्रदान करती है.

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) द्वारा यूपीएस को चुनने में कम उत्साह दिखाए जाने का एक कारण यह है कि एनपीएस के तहत वे 20 वर्ष की सेवा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) ले सकते हैं और फिर भी अपनी 80% राशि वार्षिकी में निवेश करके तत्काल पेंशन प्राप्त कर सकते हैं, जबकि यूपीएस के मामले में वे 25 वर्ष की सेवा के बाद वीआरएस ले सकते हैं और पेंशन 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद ही शुरू होगी.