केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार शाम को पारित एक प्रस्ताव में कहा है कि दिल्ली में लाल क़िले के पास हुआ घातक कार विस्फोट एक ‘आतंकवादी घटना’ थी. कैबिनेट ने आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहराते हुए हमले के दोषियों पर क़ानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (12 नवंबर) शाम को पारित एक प्रस्ताव में कहा है कि सोमवार को दिल्ली में लाल किले के पास हुआ घातक कार विस्फोट एक ‘आतंकवादी घटना’ थी.
हालांकि, सरकार या किसी भी जांच एजेंसी द्वारा पिछले 48 घंटों में इस घटना के पीछे किसी भी आतंकवादी मकसद की पुष्टि नहीं की गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में मंत्रिमंडल ने ‘आतंकवादी घटना में हुई जानमाल की हानि पर गहरा दुख’ व्यक्त किया और इसमें मारे गए लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा.
मालूम हो कि सोमवार (10 नवंबर) को लाल किले के पास हुए कार धमाके ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था. इसके बाद दिल्ली एनसीआर समेत देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है. बताया गया है कि इस विस्फोट में कम से कम 13 लोग मारे गए हैं और कई घायल अब तक अस्पताल में इलाजरत हैं.
मंत्रिमंडल द्वारा पारित इस प्रस्ताव की शुरुआत इस बात से की गई है कि ‘देश ने राष्ट्र-विरोधी ताकतों द्वारा अंजाम दी गई एक जघन्य आतंकवादी घटना देखी है.’
विस्फोट में हुई मौतों पर शोक व्यक्त करते हुए और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए कैबिनेट के प्रस्ताव में कहा गया है कि वह ‘इस नृशंस और कायरतापूर्ण कृत्य की स्पष्ट रूप से निंदा करता है जिसके कारण निर्दोष लोगों की जान गई है.’
कैबिनेट ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहराते हुए इस हमले के दोषियों पर कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाया.
मंत्रिमंडल ने निर्देश दिया है कि घटना की जांच अत्यंत तत्परता और पेशेवर तरीके से की जाए ताकि अपराधियों, उनके सहयोगियों और उनके प्रायोजकों की पहचान की जा सके और उन्हें बिना किसी देरी के न्याय के कटघरे में लाया जा सके.
इसमें ये भी बताया गया है कि इस घटना की जांच को लेकर सरकार द्वारा उच्चतम स्तर पर स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है.
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट बैठक में इस ‘आतंकवादी घटना’ के पीछे के संदिग्ध मकसद या किसी अपराधी की पहचान होने के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है.
मालूम हो कि सरकार या उसकी किसी एजेंसियों द्वारा इससे पहले औपचारिक रूप से इस विस्फोट को आतंकवादी कृत्य घोषित नहीं किया गया था, हालांकि दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद-रोधी राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा मामले की जांच अपने हाथ में लेने से पहले ही आतंकवाद-रोधी गैरकानूनी (गतिविधियां) रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज कर लिया था.
इस संबंध में अज्ञात सरकारी और पुलिस अधिकारियों ने प्रेस से बात करते हुए संकेत दिया है कि जांच में उन गिरफ्तारियों के संभावित संबंधों की जांच की जाएगी, जो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में दिल्ली से सटे फरीदाबाद में सक्रिय एक ‘आतंकी मॉड्यूल’ की जांच के तहत की हैं, लेकिन दोनों घटनाओं को जोड़ने वाली कोई आधिकारिक स्पष्टता नहीं दी गई है.
बुधवार को अपने प्रस्ताव में कैबिनेट ने ‘विपरीत परिस्थितियों में साहस और करुणा के साथ काम करने वाले अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसियों और नागरिकों की समय पर और समन्वित प्रतिक्रिया की सराहना की’.
प्रस्ताव में मंत्रिमंडल द्वारा ‘दुनिया भर की कई सरकारों द्वारा एकजुटता और समर्थन के बयानों की भी सराहना’ की गई है. कैबिनेट ने ‘सभी भारतीयों के जीवन और कल्याण की रक्षा के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प की पुष्टि’ के साथ अपने प्रस्ताव का समापन किया है.
गौरतलब है कि लाल किले के बास हुए कार विस्फोट की जांच अभी भी जारी है.