बिहार परिणाम: वे सीटें जहां एक हज़ार से भी कम वोटों से फैसला हुआ

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) गठबंधन ने प्रचंड जीत दर्ज की है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, तो वहीं जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू) ने भी 85 सीटों पर कब्जा कर अप्रत्याशित जीत हासिल की है.

इस चुनाव के दौरान महागठबंधन 40 सीटों पर जीत का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाई. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को केवल 25 सीट मिली हैं. वहीं, कांग्रेस के पास छह सीटें आई हैं. इस गठबंधन की सहयोगी भाकपा (माले) केवल दो सीट जीत सकी, वहीं उपमुख्यमंत्री का चेहरा घोषित हुए मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शून्य पर सिमट गई.

हालांकि, इस चुनाव में कई सीटें ऐसी रहीं जिन पर बेहद कड़ा मुकाबला देखने को मिला और जीत का अंतर भी बेहद कम यानी एक हज़ार वोटों से भी कम रहा. आइए कुछ ऐसी सीटों पर नज़र डालते हैं.

अगिआंव

आरा लोकसभा क्षेत्र की अगिआंव सीट पर भाजपा और भाकपा (माले) के उम्मीदवार के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. इस सीट की मतगणना के दौरान कई बार उतार-चढ़ाव देखे गए. इसके बाद भाजपा के महेश पासवान ने 95 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है.

इस सीट पर भाकपा (माले) के शिव प्रकाश रंजन दूसरे पायदान पर रहे.

2020 के चुनाव में इस सीट पर भाकपा (माले) के मनोज मंजिल को जीत मिली थी. उन्होंने जदयू के प्रभुनाथ प्रसाद को 48,550 वोट से हराया था. मनोज मंजिल को कुल 86,327 वोट मिले था. जबकि, प्रभुनाथ प्रसाद को 37,777 वोट मिले थे.

2024 की शुरुआत में एक मामले में मनोज मंजिल को आजीवन कारावास की सजा होने के चलते उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई और इस सीट पर उपचुनाव हुए. इस चुनाव में भाकपा (माले) के शिव प्रकाश रंजन को जीत मिली थी. शिव प्रकाश को कुल 73,191 वोट मिले थे.

वहीं, जदयू के प्रभुनाथ प्रसाद को 43,334 वोट मिले थे.

संदेश

आरा लोकसभा क्षेत्र की ही संदेश विधानसभा सीट पर जदयू के राधा चरण साह ने राजद के दीपू सिंह को हराया. जदयू उम्मीदवार ने 27 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की.

राधा चरण साह को 80,598 मत पड़े जबकि दूसरे स्थान पर रहे दीप सिंह को 80571 वोट मिले. इस सीट पर तीसरे स्थान पर जन सुराज के राजीव रंज राज रहे जिन्हें 6040 वोट मिले.

मालूम हो कि साल 2020 में राष्ट्रीय जनता दल की किरण देवी यादव ने जदयू के उम्मीदवार विजयेंद्र यादव को 50,607 मतों के अंतर से हराकर यह सीट जीती थी. राजद ने इस बार दीपू सिंह को उम्मीदवार बनाया था.

फ़ारबिसगंज
इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार मनोज बिश्वास और भाजपा के विद्या सागर केशरी के ख़िलाफ़ कड़ा मुकाबला रहा. यह सीट कांग्रेस ने 221 वोटों से जीत ली. कांग्रेस के मनोज बिश्वास को एक लाख 20 हज़ार 114 वोट मिले. वहीं, दूसरे पायदान पर रहे विद्या सागर केशरी को एक लाख 19 हज़ार 893 वोट मिले.

अररिया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली फारबिसगंज विधानसभा सीट पर 2020 में भाजपा के विद्या सागर केसरी लगातार दूसरी बार विजयी रहे थे. इन्हें कुल 1,02,212 वोट मिले थे. वहीं, इनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी जाकिर हुसैन खान थे, जिन्हें 82,510 वोट मिले थे. दोनों के बीच का अंतर 19,702 था.

बलरामपुर

बलरामपुर सीट पर लोजपा (रामविलास) और एआईएमआईएम के बीच भी टक्कर देखने को मिली. लोजपा (रामविलास) की उम्मीदवार संगीता देवी ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के उम्मीदवार मोहम्मद आदिल हसन को 389 वोटों से हराया है.

संगीता देवी को 80,459 वोट और मोहम्मद आदिल हसन को 80,070 वोट मिले. इस सीट पर तीसरे पायदान पर रहे भाकपा (माले) के महबूब आलम को 79,141 वोट मिले.

पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाकपा (माले) के महबूब आलम ने जीत हासिल की थी. उन्होंने 2015 में भी इस सीट पर जीत दर्ज की थी. 2020 के चुनाव में महबूब आलम को 1 लाख 4 हजार 489 वोट मिले थे, जो कुल वोटों का 51.11% था. उनके मुकाबले विकासशील इंसान पार्टी के बारुन कुमार झा को सिर्फ 50 हजार 892 वोट (24.89%) ही मिले थे. तब जीत का अंतर 53 हजार 597 वोट था.

चनपटिया

पश्चिमी चंपारण की इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक रंजन और भाजपा के उमाकांत सिंह के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. इस सीट पर आखिरकार कांग्रेस उम्मीदवार ने 602 वोटों से जीत दर्ज की. कांग्रेस के अभिषेक रंजन को 87,538 वोट मिले.

भाजपा के उमाकांत सिंह को 86,936 वोट मिले. इस सीट पर तीसरे पायदान पर जन सुराज के उम्मीदावर त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ़ मनीष कश्यप को 37,172 वोट मिले.

2020 के विधानसभा चुनाव में चनपटिया विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार उमाकांत सिंह ने कब्जा जमाया था. उन्होंने कांग्रेस के अभिषेक रंजन को 13,469 वोटों के अंतर से मात दी थी. उमाकांत सिंह को कुल 83,828 वोट हासिल हुए थे, जबकि अभिषेक रंजन को 70,359 वोट मिले थे.

इस सीट पर 2020 में नोटा को 2,910 वोट पड़े थे.
बोध गया सीट पर राजद और लोजपा (रामविलास) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. राजद के कुमार सर्वजीत ने लोजपा (रामविलास) के उम्मीदवार श्यामदेव पासवान के ख़िलाफ़ 881 वोटों से जीत दर्ज की.

कुमार सर्वजीत को एक लाख 236 वोट मिले जबकि लोजपा (रामविलास) के श्यामदेव पासवान को 99,355 वोट मिले.

इस सीट पर 2020 के चुनाव में कुमार सर्वजीत ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल की थी. इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के हरि मांझी को 4,708 वोट से हराया था. कुमार सर्वजीत को कुल 80,926 वोट मिले थे. वहीं, हरि मांझी को 76,218 वोट मिले थे.

सर्वजीत बिहार सरकार में कृषि मंत्री और पर्यटन मंत्री रहे चुके हैं .

बख़्तियारपुर

बख़्तियारपुर विधानसभा सीट पर भी क़रीबी मुकाबला देखने को मिला. यहां लोजपा (रामविलास) के उम्मीदवार अरुण कुमार ने राजद के अनिरुद्ध कुमार को 981 वोटों से हराया है.

लोजपा (रामविलास) के अरुण कुमार को 88,520 वोट मिले, जबकि राजद के अनिरुद्ध कुमार को 87,539 वोट मिले. जबकि तीसरे नंबर पर जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार बाल्मीकि सिंह रहे, उन्हें 6,581 वोट मिले.

यहां 2020 में हुए चुनाव में राजद के अनिरुद्ध कुमार ने भाजपा के रणविजय सिंह को 8,672 वोटों के अंतर हराकर यह सीट जीती थी. राजद ने इस बार फिर से अनिरुद्ध कुमार को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन कांटे के मुकाबले में वह मामूली अंतर से चुनाव हार गए.

ढाका

इस सीट पर राजद के फ़ैसल रहमान ने 178 वोटों से जीत दर्ज की. उनके सामने भाजपा के उम्मीदवार पवन कुमार जायसवाल थे. फ़ैसल रहमान को एक लाख 12 हज़ार 727 वोट मिले जबकि पवन कुमार जायसवाल को एक लाख 12 हज़ार 549 वोट मिले.

तीसरे पायदान पर रहे जन सुराज के उम्मीदवार डॉक्टर एलबी प्रसाद को 8,347 वोट मिले.

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में ढाका विधानसभा सीट पर कुल 9 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला था. हालांकि, यहां पर मुख्य मुकाबला भाजपा के पवन कुमार जयसवाल और राष्ट्रीय जनता दल के फैसल रहमान के बीच ही हुआ था.

पवन कुमार जयसवाल को चुनाव में 99,792 वोट मिले थे, जबकि फै़सल रहमान के खाते में 89,678 वोट आए थे. जयसवाल को 10,114 मतों के अंतर से जीत हासिल हुई थी.

जहानाबाद

बिहार की जहानाबाद विधानसभा सीट, जो अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. यहां से राजद के राहुल कुमार ने जदयू के चंदेश्वर प्रसाद को कड़े मुकाबले में 793 वोटों से हराया है.

राहुल कुमार को 86,402 वोट मिले वहीं जदयू के चंदेश्वर प्रसाद को 85,609 वोट मिले. इस सीट पर जन सुराज के उम्मीदवार अभिराम सिंह को 5760 वोट मिले.

यहां पिछले दो विधानसभा चुनावों (2015 और 2020) में राष्ट्रीय जनता दल का दबदबा देखने को मिला था. 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से राजद के उम्मीदवार सुदय यादव ने जीत दर्ज की थी. राजद के उम्मीदवार को 75030 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर इस सीट से जदयू के उम्मीदवार कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा रहे थे. उन्हें मात्र 41,128 वोट मिले थे.