कांग्रेस में हारने वाले ही बन रहे हैं बाजीगर

विधानसभा चुनाव हारी एक और महिला को दी गई बड़ी जिम्मेदारी

मंगल भारत/भोपाल/मंगल भारत। शाहरूख खान की फिल्म बाजीगर का एक डायलॉग है-हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं। लेकिन कांग्रेस में तो स्थिति यह है कि हारने वाले नेता ही बाजीगर बन रहे हैं। उन्हें जीतने की जरूरत नहीं है। इस कड़ी में ताजा मामला महिला कांग्रेस में सामने आया है। महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर विधानसभा चुनाव हा चुकी एक और नेत्री को अध्यक्ष बनाया गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने हाल ही में रीना बौरासी को अध्यक्ष बनाया है, जो 2023 में विधानसभा का चुनाव हार चुकी हैं।
महिला प्रदेश अध्यक्ष पर नई ताजपोशी ने एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर कांग्रेस चुनाव हारने वाली महिला नेत्रियों पर संगठन की बागडोर क्यों सौंपती है। महिला कांग्रेस के एक दशक का इतिहास देखा जाए, तो इस पद पर रही नेत्रियां कभी भी विधानसभा व निकाय चुनाव जीत नहीं सकी हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारणी की घोषणा के एक महीने बाद इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार चुकी रीना बौरासी को अध्यक्ष पद की कुर्सी सौंप दी। दावा किया जा रहा है कि यह नियुक्ति दिल्ली से हुई है और वकायदा राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा की गई है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस नियुक्ति में सीधे-सीधे मध्यप्रदेश के उन नेताओं और उनसे जुड़े खास किरदारों की सीधी भूमिका है, जो पार्टी की सत्ता के दौरान पॉवर में रहे है।
बिना आम सहमति के नियुक्ति
सूत्रों का कहना है कि इस नियुक्ति को लेकर पार्टी के दूसरे बड़े नेता एक राय नहीं है, लेकिन नियुक्ति एआईसीसी के माध्यम से हुई है, तो वे खामोश है। एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी संगठन ने ऐसा कर राज्य के दूसरे अंचलों में वर्षों से सक्रिय महिला कांग्रेस नेत्रियों को उपेक्षित किया है। इस नियुक्ति पर सवाल उठाने वाले राजनीति के जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस मालवा की कांग्रेस होती जा रही है। कहा जा रहा है कि इस नियुक्ति पर गौर करें तो कांग्रेस का जिस क्षेत्र पर फोकस है। वहां 12 जिले हैं। मालवा के साथ निमाड को मिला लिया जाए तो यहां विधानसभा की कुल 66 सीटें है आती है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस क्षेत्र में महज 17 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी।
चुनाव हारने के बाद बढ़ा इन नेत्रियों का कद
मप्र कांग्रेस की राजनीति में चार ऐसी महिला नेत्रियां हैं, जिनके चुनाव हारने के बाद उनका कद बढ़ाया गया है। वर्ष 2022 में महिला कांग्रेस की प्रदेश बनी विभा पटेल वर्ष 2013 के चुनाव में गोविन्दपुरा विधानसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी रही हैं, जहां उन्हें पराजय झेलनी पड़ी थी। इसी प्रकार पिछले भोपाल नगर निगम के मेयर पद के चुनाव में भी कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया, लेकिन वो चुनाव जीत नहीं सकी। इंदौर की अर्चना जायसवाल भी प्रदेश महिला कांग्रेस के अध्यक्ष की कुर्सी पर दो बार बैठ चुकी हैं। उन्होंने वर्ष 2010 से 2015 तक इस पद का दायित्व निभाया। उन्हें वर्ष 2021 में एक बार फिर से तब अध्यक्ष बनाया गया, जब मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष मांडवी चौहान के निधन की वजह से पद खाली हुआ था। ओझा को भी कांग्रेस ने इंदौर नगर निगम के मेयर पद का टिकट दिया था, किन्तु वे चुनाव नहीं जीत सकी। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही शोभा ओझा के पास भी मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की कमान रही है। जिन्हें कांग्रेस ने वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इंदौर विधानसभा क्रमांक 5 से चुनाव लडऩे का टिकट दिया था, किन्तु उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दो दिन पहले प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गई रीना बौरासी को वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इंदौर के सांवेर से प्रत्याशी बनाया था। किन्तु उन्हें जीत नहीं मिल सकी।
पहले प्रदर्शन फिर पदभार ग्रहण करेंगे युकां अध्यक्ष
मप्र युवा कांग्रेस के नए निर्वाचित अध्यक्ष यश घनघोरिया को पद संभालने के पहले अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। यश की अगुवाई में यूथ कांग्रेस एसआईआर को लेकर 27 नवंबर को भोपाल में निर्वाचन आयोग का घेराव करेगी। इसमें यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित दूसरे बड़े नेता मौजूद रहेंगे। दरअसल यूथ कांग्रेस उन प्रांतों में एसआईआर प्रक्रिया का लेकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं, इसी क्रम में मप्र में यह प्रदर्शन किया जाना है। इसके लिए 27 नवंबर का दिन तय किया गया है। जानकारों की मानें तो इस दिन या फिर एक दिन बाद यानि कि 28 नवंबर को युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद का निर्वाचित यश घनघोरिया कार्यभार संभालेंगे। प्रदर्शन को लेकर प्रदेशभर से यूथ कांग्रेसी भोपाल पहुंचेंगे। जिसमें नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष व दूसरे पदाधिकारी और उनके समर्थक मौजूद रहेंगे। प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की भी विशेष मौजूदगी रहेगी। जानकारों का यह भी कहना है कि प्रदर्शन में पार्टी के सभी विधायकों को शामिल होने को कहा गया है। प्रदर्शन के उपरांत विधायकों के साथ 1 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीत सत्र को लेकर प्रदेश नेतृत्व चर्चा भी करेगा। जानकारों की मानें तो पदभार ग्रहण के दूसरे दिन प्रदेश यूथ कांग्रेस के निर्वाचित पदाधिकारियों की बैठक होगी। इसमें अगले एक साल के रोडमैप पर चर्चा की जाएगी।