राम मंदिर आंदोलन और बाबरी ढांचे विंध्वंस के प्रमुख लोगों के
शामिल रहीं पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुदा के नाम पर मस्जिद बनाने की सलाह दी है। न कि बाबर के नाम पर इमारत बनाने की। सुश्री भारती ने चेतावनी भरे अंदाज में सलाह देते हुए एक्स पर लिखा कि बाबर के नाम पर इमारत बनी तो, जो हश्र 6 दिसंबर को अयोध्या में हुआ था, वैसा ही होगा। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि बंगाल में बाबर के नाम पर अयोध्या जैसी बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया जाएगा। जिसको लेकर उमा भारती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि खुदा, इबादत, इस्लाम के नाम पर मस्जिद बने हम सम्मान करेंगे लेकिन बाबर के नाम से बनी हुई इमारत का वही हाल होगा जो 6 दिसंबर को अयोध्या में हुआ था, ईंटे भी गायब हो गई थीं। मेरी मित्र ममता बनर्जी को सलाह है कि बाबर के नाम पर मस्जिद बनाने की बात कहने वालों पर कार्यवाही करिए, बंगाल एवं देश की अस्मिता एवं सद्भाव के लिए आपकी भी जिम्मेदारी है।
भारी पड़ सकता है वीआईपी ड्यूटी के दौरान रील बनाना, पुलिस मुख्यालय ने लगाया प्रतिबंध
वीवीआईपी या वीआईपी ड्यूटी में तैनात जवानों को अब सोशल मीडिया पर रील बनाकर डालना भारी पड़ सकता है। दरअसल, पुलिस मुख्यालय ने इस तरह की गतिविधि को अनुशासन के खिलाफ माना है और पूरी तरह इस पर पर प्रतिबंध लगा दिया है। भोपाल और इंदौर पुलिस कमिश्नर सहित सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में निर्देश भी जारी कर दिए है। उसमें उल्लेख किया गया है कि वीआईपी या वीवीआईपी ड्यूटी के दौरान कोई भी जवान वर्दी या सिविल में सेल्फी या रील बनाकर सोशल मीडिया में डालता है तो उसके खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। दरअसल पिछले दिनों इस तरह के कई मामले सामने आए हैं जिनमें पुलिसकर्मी फेमस होने के लिए सोशल मीडिया पर तरह-तरह की रील डाल रहे है।
कलेक्टर नियमित रूप से करेंगे सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण
राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए है कि वे जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए जिला एवं अन्य सरकारी अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करें और जिला स्वास्थ्य समिति एवं जिला पोषण समिति की बैठकें करें। कलेक्टर जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष होते हैं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव की ओर से जारी निर्देशों में कलेक्टरों से कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं यथा क्षय उन्मूलन, सिकल सेल उन्मूलन, कुपोषण निवारण व उपचार और मातृ व शिशु सुरक्षा कार्यक्रम आदि की समीक्षा करें एवं आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाएं। इसके लिए रोगी कल्याण समिति, जिला खनिज प्रतिष्ठान, कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी और एमपी-एमएलए फंड की राशि भी उपयोग में लाएं।
जन्म-मृत्यु एवं विवाह पंजीयन शत-प्रतिशत सुनिश्चित करें, जारी किए निर्देश
प्रदेश में विवाह और जन्म-मृत्यु पंजीयन को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी विकास मिश्रा ने सभी जिला कलेक्टर एवं जिला विवाह रजिस्ट्रार को निर्देश जारी किए हैं। मप्र विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन नियम 2008 के तहत राज्य में किसी भी विधि या परंपरा से संपन्न हुए सभी विवाहों का पंजीयन अनिवार्य है। व्यवहारिक रूप से सभी विवाह पंजीकृत न हो पाने से विशेषकर महिलाओं को पति की मृत्यु या अन्य कानूनी परिस्थितियों में प्रमाण और अधिकार प्राप्त करने में कठिनाई होती है। इसी समस्या को दूर करने और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जिलों को विशेष कदम उठाने को कहा गया है। आयुक्त मिश्रा ने बताया कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम में विवाह स्थल पर ही प्रमाण-पत्र जारी करने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने टेंट हाउस और केटरिंग व्यवसायियों को अपनी रसीदों पर स्लोगन, जैसे विवाह का आठवां वचन-विवाह का हो पंजीयन और नारी का सम्मान-विवाह का प्रमाण अंकित करने के लिए भी कहा गया है।