पाकिस्तान ने शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश पर बीजिंग के दावे का समर्थन किया, जिसे वे ‘साउथ तिब्बत’ या चीनी भाषा में ‘ज़ंगनान’ कहते हैं. पाकिस्तान ने कहा कि चीन को उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े मामलों में उसका ‘लगातार और पूरा समर्थन’ है.

नई दिल्ली: पाकिस्तान ने शुक्रवार (5 दिसंबर) को अरुणाचल प्रदेश पर बीजिंग के दावे का समर्थन किया, जिसे वे ‘साउथ तिब्बत’ या चीनी भाषा में ‘ज़ंगनान’ कहते हैं. पाकिस्तान ने कहा कि चीन को उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े मामलों में उसका ‘लगातार और पूरा समर्थन’ है.
पाकिस्तानी विदेश कार्यलय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी से उनकी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान ‘ज़ंगनान’ से जुड़ी चीनी विदेश मंत्रालय की बातों और नई दिल्ली और भारतीय मीडिया के जवाबों पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया.
अंद्राबी ने शुक्रवार को कहा, ‘ठीक है, हमने चीनी विदेश मंत्रालय की बातों और इस विषय पर मीडिया कमेंट्री पर ध्यान दिया है. पाकिस्तान उस देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े मामलों में चीन को अपना लगातार और पूरा समर्थन दोहराता है.’
चीन के विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ़्ते अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा दोहराया था, जब प्रेमा थोंगडोक, जो उस राज्य में पैदा हुई थीं और अभी ब्रिटेन में रहती हैं, ने कहा कि उन्हें शंघाई एयरपोर्ट पर चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने इस आधार पर रोक लिया कि उनका भारतीय पासपोर्ट अवैध है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने 25 नवंबर को कहा था, ‘ज़ंगनान चीन का इलाका है. चीनी पक्ष ने भारत द्वारा गैर-कानूनी तरीके से बनाए गए तथाकथित ‘अरुणाचल प्रदेश’ को कभी मान्यता नहीं दी है.’ साथ ही इस बात से भी इनकार किया कि थोंगडोक को परेशान किया गया था या उनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया था.
इसके बाद नई दिल्ली ने कहा था कि ‘चीन की तरफ से कितना भी इनकार’ इस ‘पक्की सच्चाई’ को नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश ‘भारत का एक ज़रूरी और अविभाज्य हिस्सा है.’ भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने थोंगडोक के साथ हुए बर्ताव को चीन के सामने ज़ोरदार तरीके से उठाया है.
इससे पहले इस्लामाबाद ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे का भी समर्थन किया था, जब मई में बीजिंग ने राज्य में कुछ और भौगोलिक विशेषताओं का नाम लिया था. यह बात उस महीने भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के तुरंत बाद आई थी. भारत ने तब चीन के इस कदम का विरोध किया था.
हालांकि, जब अप्रैल 2023 में अमेरिकी सीनेट में अरुणाचल को भारत का हिस्सा बताने वाले प्रस्ताव के बारे में पूछा गया, तो पाकिस्तान ने कहा था कि इस मुद्दे पर उसकी ‘सैद्धांतिक स्थिति’ में ‘कोई बदलाव नहीं‘ हुआ है.
इसमें कहा गया, ‘दोनों देशों का पड़ोसी होने के नाते पाकिस्तान को चीन और भारत के बीच अच्छे रिश्ते देखने की उम्मीद है.’