विजय शाह ने पहले… दिया विवादित बयान, फिर पलटे…

भोपाल/मंगल भारत। मप्र की राजनीति में अपने विवादित और बेतुके
बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कैबिनेट मंत्री विजय शाह एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार, उनका बयान लाड़ली बहना योजना से जुड़ा है। उन्होंने योजना की महिला लाभार्थियों के संदर्भ में धमकी भरा बयान दिया, जिसके बाद उनकी तीखी आलोचना हो रही है। अब मंत्री शाह ने अपने बयान से पलटी मार ली है। उन्होंने इसे तोड़-मरोडकऱ पेश किया गया बताया है और स्पष्ट किया है कि उनकी मंशा सिर्फ अपात्र लाभार्थियों की ओर इशारा करना था, न कि किसी को धमकाना। लाड़ली बहनों के लिए मेरे दिल में कोई दुर्भावना नहीं है।
गौरतलब है कि मंत्री विजय शाह अक्सर विवादित बयान देकर राजनीति को गरमाते रहते हैं। इस बार लाड़ली बहनों पर विवादित बयान देकर उन्होंने माहौल गरमा दिया है। भाजपा में प्रदेश संगठन की पूछताछ के बाद उन्होंने सफाई में बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाला बताया। शाह ने कहा, लाड़ली बहना को लेकर उन्होंने यह बात बैठक के बाद अनौपचारिक रूप से कही थी, जो अपात्र होने के बावजूद लाड़ली बहना योजना का लाभ ले रही हैं। शाह ने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोडकऱ पेश किया गया है। बयान को लेकर फैलाई जा रही भ्रामक बातों का मैं खंडन करता हूं। शाह ने कहा कि उनके दिल में लाड़ली बहनों को लेकर किसी तरह की दुर्भावना नहीं हैं। शाह के विवादित बयानों से भाजपा संगठन और सरकार दोनों को बार-बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर भाजपा संगठन में विचार चल रहा है। पार्टी शाह को तलब कर उन्हें फिर से चेतावनी जारी कर सकती है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल का कहना है कि पार्टी ने यह मामला संज्ञान में लिया है। उन्होंने अपनी तरफ से सफाई तो दे दी है, लेकिन संगठन के स्तर पर उनसे बात की गई है।
कर्नल सोफिया कुरैशी पर भी दिए थे विवादित बयान
मंत्री विजय शाह अपने विवादित बयानों के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं। इससे पहले उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विजय शाह ने 12 मई को अमर्यादित बयान देते हुए उन्हें आतंकियों की बहन बताया था। इसके बाद जब विरोध हुआ तो उन्होंने इसी तरह अगले दिन 13 मई को सफाई देते हुए कहा कि था उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उनके मन में किसी तरह की दुर्भावना नहीं हैं। शाह के बार-बार विवादित बयान पर रविवार को प्रदेश संगठन के स्तर से उनसे पूछताछ की गई। साथ ही हिदायत भी दी गई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शाह से बातचीत कर सकते हैं। वहीं रतलाम में 13 दिसंबर को जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक में शाह बतौर प्रभारी मंत्री पहुंचे थे। इसी बैठक में उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी से पूछा था कि जिले में लाड़ली बहनों की संख्या कितनी है। अधिकारी ने बताया कि जिले में करीब ढाई लाख लाड़ली बहनें हैं। इस पर मंत्री ने कहा था कि मुख्यमंत्री को दो साल हो गए हैं। ढाई लाख में से कम से कम 50 हजार तो सम्मान करने आना चाहिए। सरकार 1500 रुपए के हिसाब से करोड़ों रुपए दे रही है। तो दो साल में एक बार धन्यवाद तो बनता है। भोजन हम करा देंगे। जो नहीं आएंगी, फिर देखते हैं।