मेसी दर्शन न होने पर खेल प्रेमियों ने उठाया ‘सुदर्शन’, नाराज फैंस ने किया बवाल

दिग्गज फुटबॉलर अर्जेंटीना के लियोनल मेसी तीन दिन के भारत दौर पर हैं। मेसी के साथ उरुग्वे के स्ट्राइकर लुईस सुआरेज और अर्जेंटीना के मिडफील्डर रोड्रिगो डी पॉल भी आए हैं। तीनों फुटबॉलर रात करीब 2:30 बजे कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचे। सुबह 11 बजे मेसी ने अपने 70 फीट ऊंचे स्टैच्यू का वर्चुअल उद्घाटन किया। समारोह में अभिनेता शाहरुख खान भी मौजूद रहे। फुटबॉलर्स सॉल्ट लेक स्टेडियम पहुंचे, जहां उन्होंने फैंस से मुलाकात की। तीनों खिलाड़ी 15 मिनट बाद ही वहां से निकल गए। इससे नाराज खेल प्रेमियों ने स्टेडियम में बोतलें और कुर्सियां फेंकनी शुरू कर दीं। पोस्टर बैनर सब फाड़ दिया। साथ ही धक्का-मुक्की की। मचे बवाल के बीच लोगों ने कहा कि 45-45 हजार के टिकट खरीदे थे, लेकिन खिलाडिय़ों को नेता ही घेरे रह गए और 15 मिनट में रवाना हो गए। हम मेसी को देखने आए थे, लेकिन उन्हें चुपचार रवाना कर दिया गया। इधर, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को माफी मांगनी पड़ी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम ने कहा-मुख्य आयोजक सताद्रू दत्ता को गिरफ्तार कर लिया है। आयोजकों ने वादा किया है कि वे टिकट का पैसा वापस कर देंगे।
भारतीय सेना खरीदेगी 120 किमी रेंज वाली पिनाका
भारतीय सेना ने अपनी तोपखाना ताकत को और बढ़ाने के लिए 120 किमी तक मार करने वाली गाइडेड पिनाका रॉकेट्स को शामिल करने का प्रस्ताव पेश किया है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2500 करोड़ रुपए है। यह कदम ऑपरेशन सिंदूर के बाद लंबी दूरी की आर्टिलरी क्षमता को मजबूत करने की दिशा में अहम है। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, ये नई गाइडेड रॉकेट्स डीआरडीओ द्वारा विकसित की जाएंगी। डीआरडीओ पहले से ही इस 120 किमी रेंज वाले संस्करण का विकास उन्नत चरण में कर रहा है। जल्द ही पहले परीक्षण किए जाने की उम्मीद है, शायद अगले वित्तीय वर्ष में। परीक्षण सफल होने के बाद बोली प्रक्रिया से विकास-सह-उत्पादन पार्टनर्स चुने जाएंगे, जो इनका बड़े पैमाने पर निर्माण करेंगे।
देश का कार्यबल कुपोषित! सुधारनी होगी शिक्षा प्रणाली: रघुराम राजन
एआई के विकास ने लोगों के मन में भविष्य की नौकरियों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इस बीच आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि एआई कभी भी उन कामों को नहीं समाप्त कर सकता, जो स्किल से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत है। जिससे लोगों में स्किल का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि देश में कार्यबल तैयार करने के तरीके में तत्काल सुधार किया जाना चाहिए। एक पॉडकास्ट में रघुराम राजन ने कहा- भारत एआई-संचालित भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन उसके पास मौजूद कार्यबल खराब तरीके से प्रशिक्षित है और कई मामलों में कुपोषित भी है। भारत में युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के तरीकों पर राष्ट्रीय स्तर पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा-कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां नौकरियां उपलब्ध हैं और उनमें हाथों से काम करना जरूरी है। एआई के युग में भी, हो सकता है कि प्लंबर की नौकरी खत्म न हो। राजन ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि सफलता के लिए पारंपरिक शैक्षणिक मार्ग अपनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुझे फ्रेंच या अंग्रेजी साहित्य में डिग्री की आवश्यकता नहीं है। मैं आधुनिक प्लंबिंग में तकनीकी पाठ्यक्रम करने के लिए भी तैयार हूं। उन्होंने तर्क दिया कि सोच में इस बदलाव के साथ-साथ व्यवस्थागत परिवर्तन भी आवश्यक हैं। प्लंबर बनने के लिए उद्यमशीलता भी जरूरी है।
सुप्रीम फैसला- अनुकंपा नौकरी के बाद उच्च पद की मांग नहीं कर सकता आश्रित
सरकारी सेवा से जुड़े अनुकंपा नियुक्ति के केसों में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम और स्पष्ट दिशा तय की है। अदालत ने कहा-मृत कर्मचारी के आश्रित को एक बार अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल जाने के बाद, वह उच्च पद पर नियुक्ति का दावा नहीं कर सकता। यह फैसला उन मामलों में आया है, जहां अनुकंपा नियुक्ति को आगे बढ़ाकर पदोन्नति जैसा रूप देने की कोशिश की जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा-अनुकंपा नियुक्ति का मकसद केवल यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसका परिवार तत्काल आर्थिक संकट से उबर सके। यह व्यवस्था स्थायी अधिकार या सेवा में आगे बढऩे का साधन नहीं है, बल्कि विशुद्ध रूप से मानवीय आधार पर दी गई राहत है। जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने टिप्पणी की कि एक बार किसी आश्रित को नौकरी देकर उसका अधिकार पूरा हो जाता है। इसके बाद उसी आधार पर दोबारा या ऊंची पोस्ट के लिए मांग करना स्वीकार्य नहीं है। अदालत ने इसे कभी न खत्म होने वाली दया की स्थिति बताया।