भोपाल: मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर वर्ग को साधने के प्रयास में लगे हुए हैं. इसके लिए सीएम चौहान नित नई योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं. वहीं, हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि छोटे और साधारण अपराधों से जुड़े जेल में बंद कैदियों को जल्द रिहा किया जाएगा. शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी नीत प्रदेश सरकार ने यह निर्णय इस साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से करीब चार महीने पहले लिया है. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राजधानी भोपाल स्थित मंत्रालय में कानून-व्यवस्था संबंधी उच्च-स्तरीय बैठक ली थी.
गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों की हो रिहाई
इस फैसले को लेकर मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग की ओर से एक विज्ञप्ति भी जारी की गई है. जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय में हुई कानून-व्यवस्था संबंधी उच्च-स्तरीय बैठक ली. इसमें चौहान ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में छोटे और साधारण अपराधों से जुड़े गरीब और कमजोर वर्गों के लोगों के मामले वापस लेने की प्रक्रिया शुरु करें. इस संबंध में सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये जाएं. उन्होंने कहा कि आगामी 31 जुलाई तक इस तरह के मामलों की सूची सभी जिलों में तैयार की जाये. इस बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव बी.पी. सिंह और पुलिस महानिदेशक आर.के. शुक्ला भी उपस्थित थे.
वहीं, प्रदेश सरकार के इस फैसले पर अब राजनीति गर्माने लगी है. कांग्रेस का कहना है कि चुनाव से पहले अपराधियों को जेल से छोड़ने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी इन लोगों का प्रयोग चुनाव के समय कई संबंध में कर सकती है. जेल में बंद निर्दोष लोगों को ही छोड़ जाना चाहिए.