कांग्रेस में टिकट के दावेदार अभी से पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं, जबकि अभी चुनाव की घोषणा होने में कम से कम तीन माह का समय शेष है। पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले इस बार मध्य प्रदेश में कांग्रेस के समर्थन में माहौल अच्छा है। जिसकी वजह से इस बार दावेदारों में भी उत्सुकता बनी हुई है। पार्टी ने इस बार चुनाव की घोषणा के पहले ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने की तैयारी शुरु कर दी है जिसकी वजह से दावेदार क्षेत्र छोडक़र दावेदारी पुख्ता करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) दफ्तर से लेकर बड़े नेताओं के बंगलों पर दस्तक देते देखे जा सकते हैं। जो दावेदार अभी परिक्रमा में पीछे हैं वे अपनी सक्रियता के दस्तावेजों को तैयार करने में जुट गए हैं। इस वजह से उनकी सक्रियता नहीं के बराबर हो गई है। उधर पार्टी द्वारा कराए जा रहे सर्वे की खबरों के बीच दावेदारों का प्रयास है कि किसी भी तरह से सर्वे में उनका नाम जरूर आ जाए। दरअसल प्रदेश में चुनाव के लिए हाईकमान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के अलग-अलग दो सर्वे हो रहे हैं। कुछ दावेदार अपने आंदोलन, भाजपा सरकार को घेरने के लिए किए गए कामों के दस्तावेज बनाने में जुटे हैं। विधानसभा चुनाव का टिकट हासिल करने के लिए रोजाना दावेदार कांग्रेस कार्यालय पहुंच रहे हैं। यहां मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल से लेकर संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर, प्रशासन प्रभारी महामंत्री राजीव सिंह के पास ये लोग अपनी बात रखते हैं। कई दावेदार ऐसे भी हैं, जिन्हें प्रदेश कांग्रेस की ओर से संकेत दे दिए गए हैं कि वह क्षेत्र में सक्रिय हो जाएं उन्हें भोपाल आने की जरूरत नहीं है।
रिकार्ड लेकर दावेदारी
टिकट की दावेदारी के लिए पंचायत राज की लड़ाई लडऩे वाले डीपी धाकड़ व भोपाल में पीसी शर्मा अपने -अपने आंदोलनें का रिकार्ड लिए हैं। छानबीन समिति को धाकड़ ने 265 आंदोलनों की फोटो-सूची आदि का रिकार्ड दिया है, तो शर्मा ने भी भोपाल के हर छोटे-बड़े आंदोलनों में अपनी भूमिका बताई। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में होने वाली बहस में सरकार के खिलाफ कांगे्रस की बात रखने वाले कुछ नेताओं ने भी टिकट पाने के लिए रिकार्ड जिम्मेदारों को सौंपा है।