कमलनाथ मप्र के नहीं, छिंदवाड़ा के हवाई जहाजी नेता हैं

भाजपा चौथी बार मध्य प्रदेश में स्पष्ट बहुमत से बनाएगी सरकार 
पॉलीटिक्स की फैक्टरी चलाते हैं कमलनाथ, उनके पास कार्यकर्ता नहीं, सब पेड वर्कर हैंभाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा से मंगल भारत के संवाददाता की विशेष बातचीत.दबंग पत्रकार, राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य प्रभात झा का दावा है कि भाजपा मध्यप्रदेश में चौथी बार स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाएगी। कांग्रेस मप्र में मृतप्राय हो चुकी है। तथा देश के चार राज्यों तक उसकी औकात सिमटकर रह गई है। उनका कहना है कि कमलनाथ मप्र के नहीं, छिंदवाड़ा के हवाई जहाजी नेता हैं। वे पॉलीटिक्स की फैक्टरी चलाते हैं। उनके पास कार्यकर्ता नहीं, सब पेड वर्कर हैं। झा का कहना है कि मप्र के अब तक के मुख्यमंत्रियों में शिवराज सबसे कम उम्र और सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री हैं। उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में जितने लोकहितैषी कार्य हुए हैं, उतने कभी नहीं हुए। इसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने व्यक्तित्व-कृतित्व से पिछले चार सालों में दुनियाभर में भारत की अलग धाक-साख बनाई है। देश के विकास को नई परिभाषा दी है। भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी सुशासन के नए मानदंड स्थापित किए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा से बिच्छू डॉट कॉम के विशेष संवाददाता महेश दीक्षित ने राजनीतिक और सामाजिक सहित तमाम मुद्दों पर अनौपचारिक बातचीत की। पेश हैं उनसे बातचीत के मुख्यांश…

Mangal Bharat: राजनीति में कब और कैसे आए?
प्रभात झा जी: मौलिक रूप से तो पत्रकार हूं। विचारधारा की पत्रकारिता करते हुए राजनीति में आया। मैं बचपन में यानी जब 7-8 साल का था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जाने लगा था। इसलिए बचपन से भीतर सदैव देशसेवा का जज्बा रहा। आपातकाल के समय भूमिगत रहकर पार्टी के लिए काम किया। मेरे लिए पत्रकारिता और राजनीति सदैव देश और समाज की सेवा के जरिए रहे हैं। विवाह के पहले 12 साल ग्वालियर रहा। विवाहोपरांत 10 साल भोपाल और इसके बाद 10 साल से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हूंू। मप्र भाजपा का मीडिया प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष रहा। राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुआ। दिल्ली के साथ देश के कई राज्यों में भाजपा का प्रदेश प्रभारी रहा। वर्तमान में राज्यसभा सदस्य होने के साथ भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं।

– Mangal Bharat: आपका राजनीतिक गुरु कौन है?
प्रभात झा जी: मेरी आज जो कुछ हैसियत है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और भगवा ध्वज की वजह से है। इसलिए संघ ही मेरा गुरू और भगवा ध्वज ही आराध्य है। इसके अलावा भाजपा के पुरोधा कुशाभाऊ ठाकरे, प्यारेलाल खंडेलवाल, लखीराम अग्रवाल, सुंदरलाल पटवा, सुरेश सोनी, कृष्ण म़ुरारी मोघे, यशवंत केलकर, भाऊसाब पोतनीस और प्रो कप्तान सिंह सोलंकी जैसी ऐसी कई राजनीतिक विभूतियों का सानिध्य मिला, जिन्होंने मुझे राजनीतिक सूझ-बूझ और समझ दी तथा सिखाया कि विपरीत परिस्थितियों में बिना सिद्धांतों से समझौता किए कैसे राजनीतिक चुनौतियों से जूझना है? जनता की सेवा करना है।

– मंगल भारत: मध्यप्रदेश के अब तक के मुख्यमंत्रियों में सबसे अच्छा मुख्यमंत्री किसे मानते हैं?
प्रभात झा जी: मप्र में मुख्यमंत्री तो कई हुए, सबने कुछ न कुछ मप्र के विकास हित में काम किए हैं। लेकिन शिवराज सिंह चौहान जैसा मुख्यमंत्री अब तक न हुआ और न भविष्य में होगा। वे किसान पुत्र होने के साथ सबसे कम उम्र के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री हैं। वे जनता के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने सरकार की परिभाषा बदली। उसे नए विशेषण दिए। सरकार का सामाजीकिकरण किया। उन्होंने ऐसी कई कल्याणकारी और विकास परक योजनाएं शुरू कीं, जिनमें प्रदेश के आम गरीब, किसान, मजदूर, लड़कियों और महिलाओं के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक का पूरा ख्याल रखा गया। यह कम गौरव की बात नहीं है कि, लाड़ली लक्ष्मी योजना और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जैसी योजनाओं को दूसरे राज्यों ने मॉडल के रूप में अपनाया है। शिवराजजी के पूर्ववर्ती जितने भी मुख्यमंत्री मप्र में हुए, वे सब घरानों से आए थे। वे जमींदार थे या फिर कारोबारी थे।

– Mangal Bharat: फिर प्रदेश की जनता शिवराज सिंह चौहान को घोषणावीर क्यों कहती है?
प्रभात झा जी: उनके ऊपर ऐसी तोहमत लगाना गलत है। उनके मुख्यमंत्रित्व काल में मप्र में जितना काम हुआ, उतना आजादी के 70 साल में नहीं हुआ। जो शिवराजजी के बारे में इस तरह के कथन करते हैं, उन्हें एक बार पूरा प्रदेश घूमना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि शिवराजजी के बराबर कोई राजनेता मेहनत करता होगा।

– Mangal Bharat: अबकी बार 200 पार, क्या आपको लगता है भाजपा मप्र में चौथी बार सरकार बना पाएगी?
प्रभात झा जी: इसमें हमें जरा भी संशय नहीं हैं। हम बिल्कुल, चौथी बार मध्यप्रदेश में स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे।

– मंगल भारत: क्या अटेर, चित्रकूट, मुंगावली (अशोकनगर) और श्योपुर (शिवपुरी) विधानसभा उपचुनाव में हार अब भाजपा सरकार के जाने का संकेत नहीं ?
प्रभात झा जी: जब कोई बड़ा दांव खेलना हो तो चार कदम पीछे भी हटना पड़ता है। इसलिए हम इन सीटों पर हारें, बल्कि ये सीटें हम कांग्रेस से छीन नहीं पाए यह कहना ज्यादा सही होगा। क्योंकि ये सीटें हमारी कभी थी ही नहीं। ये सीटें कांग्रेस काबिज सीटें हैं। इसलिए इन सीटों पर कांग्रेस का जीतना स्वभाविक था।

– मंगल भारत: कांग्रेस के नए अध्यक्ष कमलनाथ के बारे में आप क्या कहेंगे?
प्रभात झा जी: कमलनाथ हवाई जहाजी नेता हैं। वे कांग्रेस और कुछ पिछलग्गू कार्यकर्ताओं के नेता हैं। इसके साथ वे छिंदवाड़ा के नेता हो सकते हैं। लेकिन वे न आम आदमी के नेता हैं और न प्रदेश के नेता हैं। वे पॉलिटिक्स की फैक्टरी चलाते हैं। वहां कार्यकर्ता नहीं, सब नौकर हैं। पेड वर्कर हैं। उन्होंने विकास के नाम पर 37 साल तक सिर्फ छिंदवाड़ा को लूटा है। जंगलों को नोंचा है।

– मंगल भारत: फिर कमलनाथ को लेकर भाजपा में इतनी हताशा क्यों?
प्रभात झा जी: भाजपा कमलनाथ को कतई गंभीरता नहीं लेती। भाजपा को उनसे डर नहीं है। वजह उनका प्रदेश में ऐसा जनाधार नहीं कि, वे मर चुकी कांग्रेस की नैया पार लगा सकें। हां, दिग्विजय सिंह को हम नेता मानते हैं। वे मप्र कांग्रेस के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्हें प्रदेश में लोग जानते हैं। जिसने पूरा प्रदेश घूमा है। जिसका कार्यकर्ता से सीधा जुड़ाव है।

– मंगल भारत: पर भाजपा ने ही दिग्विजय को 2003 में बंटाढार मुख्यमंत्री कहा था?
प्रभात झा जी: हां कहा था। उस समय वह बात सही थी। तब उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में मप्र की जनता ने जो नर्क देखा, वह कभी नहीं देखा। तब प्रदेश में न सडक़ें थीं, न बिजली। मुश्किल से चार-पांच घंटे बिजली मिलती थी। प्रदेश में जैसे अंधेरे का साम्राज्य था। सडक़ों में गड्ढे थे या गड्ढों में सडक़, पता नहीं चलता था। सब तरफ दिग्विजय सरकार को लेकर सिर्फ अराजकता, आक्रोश और असंतोष दिखाई देता था।

– मंगल भारत: आप कह रहे हैं जनता के लिए अच्छे दिन आ गए हैं। मोदी सरकार की इतनी उपलब्धियां गिना रहे हैं, तो फिर देश की जनता का मोदी से मोहभंग क्यों हो रहा है?
प्रभात झा जी: नहीं ऐसा कहना जल्दबाजी होगा। मोदीजी के प्रधानमंत्री बनने का बाद भारत की दुनियाभर में शान बढ़ी है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों से फौरे तौर पर देश की जनता को परेशानी हुई। लेकिन किसी भी लाइलाज बीमारी से यदि मुक्त होना है, तो कड़बी गोली तो खाना ही पड़ेगी।

– Mangal Bharat: क्या पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर नहीं पहुंच रहे हैं? इसकी वजह से दूसरी चीजें महंगी हो रही हैं? आखिर पेट्रोल-डीजल के दाम कब कम होंगे?
प्रभात झा जी: पेट्रोल-डीजल के दाम न बढ़ें, इसके लिए हम स्थाई समाधान पर काम कर रहे हैं। जल्द ही दाम कम होंगे।

– मंगल भारत: वर्ष 2014 में जब भाजपा सरकार केंद्र में काबिज हुई, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया था कि अच्छे दिन आने वाले हैं? पर अच्छे दिन तो आए नहीं, जनता अब पीएम मोदी की नीति-नीयत पर सवाल कर रही है, लोग कह रहे हैं इससे पहले दिन अच्छे थे, क्या कहेंगे आप?
प्रभात झा जी: बुरे दिन तो विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे लोगों के आए हैं, जिन्होंने कांग्रेस शासन काल में देश को लूटा है। कांग्रेस, मोदी को येन-केन-प्रकारेण बदनाम करना चाहती है। जनता के अच्छे दिन आ गए हैं। कांग्रेस के 70 साल और मोदी के 48 महीने के शासनकाल का तुलनात्मक अध्ययन कर लीजिए, आपको पता चल जाएगा कि इतने कम समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोटों की चिंता किए बिना देश हित में कितने बड़े फैसले लिए। वो कार्य जो काबिल-ए-तारीफ हैं।
मोदी सरकार के चार साल और उपलब्धियां
भ्रष्टाचार मुक्त सरकार: पिछली सरकार 2-जी स्कैम, कोयला स्कैम, कॉमनवेल्थ स्कैम, चॉपर स्कैम, आदर्श स्कैम के आरोपों में घिरी रही, लेकिन इसके उलट मोदी सरकार के एक भी मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा तो बताइए।
जन-धन योजना: 31.31 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले। ये वो लोग हैं, जिनके बैंकों में खाते नहीं थे। आपकी जानकारी के लिए आर्थिक जगत के क्षेत्र में ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। इसने एक सप्ताह में सबसे अधिक 1,80,96,130 बैंक खाते खोलने के लिए गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड बनाया।
जीएसटी: एक राष्ट्र, एक टैक्स। पूरे देश में एक ही टैक्स व्यवस्था लागू की । यह साल 1991 के बाद से अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद ये वित्तीय क्षेत्र में सुधार को लेकर सबसे बड़ा कदम था।
उज्जवला योजना: ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे 3 करोड़ परिवारों के लिए जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं था और उन्हें खाना बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिया गया।
डिजिटाइजेशन की तरफ अहम कदम: मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में डिजिटाइजेशन पर काफी जोर दिया है। अब बैंकिंग क्षेत्र से लेकर अन्य सरकारी कार्यों में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा मिला है, जिससे लोगों को काफी राहत मिली है। मोदी सरकार की डिजिटल भुगतान को आसान बनाने बनाने वाली भीम एप भी शामिल है। इस एप के तहत पैसे सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जा सकते हैं।
मुद्रा योजना: गैर-कार्पोरेट, गैर-कृषि लघु-लघु उद्यमों को समक्ष बनाने के लिए 10 लाख तक की ऋण प्रदान करने की योजना शुरू की गई। इसके तहत 2,28,144,.72 करोड़ रुपए के कुल 4,53,51,509 कर्ज आवंटित किए गए हैं। योजना के तहत कुल 2,20,596.05 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
स्वच्छ भारत मिशन: प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए इस मिशन से पिछले चार साल में देश में करीब 79 प्रतिशत लोग अब खुले में शौच के लिए नहीं जाते हैं। वे अपने गांव, शहर, सडक़, गली और चौराहों में स्वच्छता को लेकर जागरूक हुए हैं।
पहल योजना: डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर्स के रूप में सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराए जाने को लेकर फैसला किया। इस योजना के तहत 14.62 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे नकद सब्सिडी मिल रही है। इसके साथ 3.34 करोड़ नकली या निष्क्रिय खातों की पहचान करने और उन्हें बंद करने में भी मदद मिली है। इससे सरकार के हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई।
पारदर्शिता: मोदी सरकार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी कई काम किए गए। इसमें कोयला ब्लॉक आंवटन में पारदर्शी नीलामी, पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के लिए ऑनलाइन आवेदन और निविदाओं के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की शुरुआत की गई।
कौशल विकास: देश के बेरोजगार युवाओं को काबिल बनाने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना शुरू की। इसमें बेरोजगारों युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि उन्हें रोजगार पाने में मदद मिल सके। इसमें ट्रेनिंग की फीस सरकार खुद देती है। सरकार ने 2020 तक एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है।
मेक इन इंडिया: मोदी सरकार ने भारत के निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मेक इन इंडिया पहल की शुरूआत की। इसके तहत कैपिटल गुड्स के साथ नई तकनीक और आधुनिकता को बढ़ावा देने के लिए 930 करोड़ रुपये का प्रावधान किया।

– मंगल भारत: क्या आपको नहीं लगता कि, पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दंभ और कामकाज के तौर-तरीकों से नाराज होकर सहयोगी दल अब भाजपा से छिटक रहे हैं?
प्रभात झा जी: पीडीपी, शिवसेना और टीडीपी जरूर हमसे अलग हुए हैं। लेकिन आज भी हमारा 24 पार्टियों के साथ अलाइंस है। जहां तक शिवसेना की बात है, तो दिखने में भले ही कुछ मनमुटाव हों, लेकिन सच तो यह है कि भाजपा-शिवसेना का रिश्ता अटूट है। यदि ऐसा नहीं होता तो अनंत गीते मोदी सरकार में मंत्री नहीं होते।

– Mangal Bharat: यदि पार्टी ने टिकट दिया तो आप विधानसभा चुनाव लड़ेंगे?
प्रभात झा जी: जी हां, पार्टी ने मौका दिया तो जरूर लडूंगा। इसके लिए मैं भोपाल की नरेला विधानसभा सीट से दावेदार हॅू।

– Mangal Bharat: आखिर आपका अंतिम साध्य क्या है?
प्रभात झा जी: जीवन की अंतिम सांस तक देश- समाज और पार्टी की सेवा करते हुए मर जाउं, बस यही अंतिम साध्य है। भाजपा का और-और विस्तार हो। भाजपा संघर्षों के लहू से बनी है और विचारों के संघर्ष से निकली है।

प्रभात झा: जीवन परिचय
– नाम: प्रभात झा
– पिता: स्व. पनेश्वर झा
– जन्म: 4 जून 1957
– जन्म स्थान: ग्राम हरिपुर, दरभंगा (बिहार)
– पत्नी: श्रीमती रजंना झा
– शिक्षा: प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में हुई। इसके बाद स्नातक-स्नातकोत्तर शिक्षा ग्वालियर में हुए। बीएससी, एमए और एलएलबी की डिग्री हासिल की।
– अभिरुचि: पत्रकारिता, समाजसेवा और राजनीति

पत्रकारिता एवं सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन
जब कक्षा 6वीं में पढ़ते थे तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जुड़े। संघ की शाखाओं के सक्रिय सदस्य रहे। चालीस साल तक पत्रकारिता की।
1980 में दैनिक स्वदेश, ग्वालियर से जुड़े। इसके बाद कई सालों तक स्वदेश ग्वालियर के संपादक रहे। इस दौरान स्वदेश के साथ देश की तमाम समाचार पत्र-पत्रिकाओं में हजारों लेख-आलेख का प्रकाशन।
पत्रकारिता के बाद कुशाभाऊ ठाकरे के कहने पर राजनीति में सक्रिय हो गए। भाजपा की सदस्यता ली। रुरल डेवलपमेंट कमेटी, पॉपुलेशन एवं पब्लिक हेल्थ के संसदीय फोरम सदस्य रहे।
मप्र भाजपा के मीडिया प्रभारी से लेकर मप्र भाजपा के अध्यक्ष तक रहे।
अगस्त 2012 में रेलवे कमेटी के सदस्य बने और अप्रैल 2013 से शिल्पकारों और कारीगरों के संसदीय फोरम के सदस्य हैं। इसके साथ भाजपा के मुखपत्र कमल संदेश के संपादक हैं। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के कई सालों तक राजनीतिक सलाहकार रहे।
हिन्दी भाषा में कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें 2005 में शिल्पी (तीन खंडों में), 2008 में जन गण मन (तीन खंडों में), 2008 में ही अजातशत्रु- पं. दीनदयालजी, संकल्प, अंत्योदय, समर्थ भारत, 21वीं सदी – भारत की सदी, चुनौतियां तथा विकल्प प्रमुख हैं। अगस्त 2009 में लोकसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में ऑस्ट्रिया की यात्रा कर चुके हैं। वर्तमान में मप्र से राज्यसभा सदस्य के साथ भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मप्र भाजपा के मीडिया समन्वयक हैं।