सियासी दांव में उलझी सीएम की घोषणाएं, उपचुनाव वाले इलाके रहे फायदे में

प्रदेश में भाजपा की सरकार और उसके मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वैसे तो बीते चौदह सालों से मुख्यमंत्री हैं, लेकिन इसके बाद भी वे प्रदेश की कुछ सीटों पर पार्टी का प्रभाव नहीं छोड़ सके हैं। ऐसी सीटों वाले जिलों में विकास की घोषणाओं के मामले में भी वे सियासी दांव चलने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। हालांकि इस दौरान कई सीटें ऐसी भी रही हैं जहां पर विकास की कोई घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा नहीं की गई है। यह वे सीटें हैं जहां पर कांग्रेस का विधायक है। मुख्यमंत्री द्वारा की जाने वाली घोषणाओं में वे सीटें सर्वाधिक फायदे में रही हैं, जहां पर बीते चार सालों में उपचुनाव हुए हैं। सीएम चौहान द्वारा अपने इस कार्यकाल के दौरान अब तक कुल 5115 घोषणाएं कीगई हैं। इनमें से सिर्फ 1838 ही पूरी हो सकी हैं। खास बात यह है कि इस दौरान कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के इलाके में घोषणाएं करते समय पूरी तौर पर कंजूसी बरती गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के जिले गुना में महज चार घोषणा की गई, जिसमें से एक भी अब तक पूरी नही की गई है। यह बात अलग है कि उनके संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले शिवपुरी में 77 और अशोकनगर में 68 घोषणाएं की गईं। यह घोषणाएं भी वहां दो सीटों पर हुए उपचुनाव की वजह से की गई हैं। इसी तरह से पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव के गृह जिले खरगौन में महज नौ ,अजय सिंह के जिले सीधी में 27 , मुकेश नायक के जिले पन्ना में 19 एवं कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ के जिले छिंदवाड़ा में 139 घोषणाएं की गई है। इसी तरह से सीएम के अपने गृह जिले सीहोर में 585 घोषणा की, इनमें से 133 पूरी हो पायी हैं।
उपचुनाव में की 37 फीसदी घोषणाएं
पांच साल में 16 जिलों में उपचुनाव हुए हैं। इनमें मुख्यमंत्री ने 1866 घोषणाएं की, जो पूरे प्रदेश में की गई घोषणाओं की 37 प्रतिशत हैं। मंदसौर में गरोठ उपचुनाव और गोलीकांड का असर था तो वहां 58 घोषणा की, लेकिन उससे सटे नीमच जिले में सिर्फ तीन घोषणा की। इसमें से भी एक ही पूरी हो पाई है। इसी तरह सतना में दो उपचुनाव पड़े तो सीएम ने 223 घोषणाएं की, लेकिन विंध्य के दूसरे जिले रीवा में 74 और सीधी में 27 घोषणा की।
इछावर में एक भी नहीं
शिवराज ने अपने गृह जिले सीहोर की इछावर विधानसभा में एक भी घोषणा नहीं की। यहां के कांग्रेस विधायक शैलेंद्र पटेल कहते हैं कि मुख्यमंत्री पांच साल में एक भी बार इछावर नहीं आए। सिवनी जिले की चार में से सिर्फ एक सीट भाजपा के खाते में आई थी। दो पर कांगे्रस और एक पर निर्दलीय जीते थे। इस जिले में सीएम ने सात घोषणा की। हरदा जिले में 13 घोषणा की, लेकिन कांग्रेस के रामकिशोर दोगने के क्षेत्र में एक भी नहीं की।
इनका कहना है
मुख्यमंत्री को अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करना चाहिए था। सरकार में रहते हुए तेरा-मेरा नहीं करना चाहिए, लेकिन शिवराज ने अपने पूरे कार्यकाल में यही किया है।
– अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष
विधानसभा उपचुनाव
सीट – घोषणाएं – पूरी
विदिशा – 203 – 146
विजयराघवगढ़ – 205 – 55
एवं बहोरीबंद
आगर – 24 – 05
गरोठ – 58 – 12
देवास – 55 – 22
मैहर एवं चित्रकूट – 223 – 66
घोड़ाडोंगरी – 88 – 27
नेपानगर – 40 – 15
अटेर – 36 – 05
कोलारस – 77 – 15
मुंगावली – 68 – 07
(नोट: भाजपा चित्रकूट, अटेर, कोलारस और मुंगावली में हारी थी।)
लोकसभा उपचुनाव
स्थान घोषणा की घोषणा पूरी की
झाबुआ 101 54
रतलाम 157 56
शहडोल 149 47
अनूपपुर 163 38
उमरिया 219 93
नोट: झाबुआ, रतलाम में भाजपा हारी थी। बांधवगढ़ विधानसभा उपचुनाव भी हुआ।