सरकारी स्‍कूलों से अब जल्‍द गायब हो जाएगा ब्‍लैक बोर्ड और चॉक

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नई दिल्ली, मंगल भारत ब्यूरो। डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने में जुटी सरकार ने देश के सभी स्कूलों को भी अब इससे जोड़ने का फैसला लिया है। पहले चरण में स्कूलों को स्मार्ट बोर्ड से लैस किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सभी राज्यों ने इसे लेकर अपनी सहमति दे दी है। यह अभियान करीब 60 साल पहले चलाए गए ब्लैक बोर्ड अभियान की तरह ही पूरे देश में चलेगा। आरटीई के दायरे को भी नर्सरी से माध्यमिक तक करने को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन अभी इनमें कुछ और समय लगेगा। कुछ नियमों को बदलना भी पड़ेगा।

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स्कूली शिक्षा को लेकर केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (कैब) की सोमवार को आयोजित बैठक की जानकारी देते हुए बोर्ड के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि स्कूलों की कक्षाओं को डिजिटल बोर्ड से लैस करने के लिए जल्द ही एक योजना तैयार की जाएगी। यह योजना अभी थोड़ी मंहगी है, लेकिन केंद्र व राज्य सरकार के साथ नगरीय निकाय, सीआरएस और जनभागीदारी के जरिए इसके लिए फंड जुटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कक्षाओं के डिजिटल बोर्ड से लैस होने के बाद छात्रों की पूरी पढ़ाई इसी के जरिए दी जाएगी। इसके जरिए वह किताबें, इंटरनेट और टीवी से भी सीधे जुड़ सकेंगे।

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बैठक में आरटीई के दायरे को बढ़ाने के मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई। मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री ड़ा कुंवर विजय शाह ने इस दौरान यह पूरा मुद्दा उठाया। इस पर सभी राज्यों ने अपनी सहमति दी, लेकिन राज्यों का कहना था कि इसको लेकर पहले एक ड्राफ्ट फ्रेमवर्क किया जाए। जिसे सभी राज्यों के साथ साझा किया। इस दौरान राज्यों की जरूरतों को जरूर आंका जाए। राज्यों का कहना था कि इससे उन्हें इस पर ठीक तरीके से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। राज्यों के साथ बैठक में जिन अन्य विषयों को लेकर चर्चा हुई, उनमें स्वच्छ भारत, एक भारत श्रेष्ठ भारत, पढ़े भारत बढ़े भारत, शारीरिक शिक्षा आदि शामिल थे। बैठक में देश के 22 राज्यों के शिक्षा मंत्री शामिल हुए थे, जबकि बाकी राज्यों के अधिकारियों ने इसमें हिस्सा लिया था।

सभी बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए चलेगा अभियान
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून के बाद यह जरूरी है, कि प्रत्येक बच्चे को स्कूल में दाखिला दिलाया जाएगा। इसके लिए स्कूल अपने स्तर से कोशिश कर रहे है, लेकिन जल्द ही जनभागीदारी के जरिए इसके लिए बड़ा अभियान चलाया जाएगा। गुजरात में इसे लेकर काफी अच्छा काम हो रहा है। फिलहाल इस साल सिंतबर महीने में इसे देश भर में नए सिरे से चलाने की योजना है