मंगल भारत सिंगरौली–
जिले के विन्ध्यनगर थाना क्षेत्र के एनटीपीसी गेट के पास गत 14 जनवरी की रात सड़क दुर्घटना में काल के गाल में समाने वाले मृतकों के शव को क्षतिपूर्ति 20 लाख दिलाने की मांग को लेकर एनटीपीसी विन्ध्यनगर में कार्यरत मजदूरों ने काम का बहिष्कार कर जहाँ विन्ध्यनगर थाना व गेट का घेराव किया वही विन्ध्यनगर-शक्तिनगर मार्ग को तकरीबन 5 घंटे बाधित रखा। हालाकि घटना के 40 घंटे बाद काफी जद्दोजहद के बाद मंगलवार की दोपहर जहाँ पी एम पश्चात शव का अंतिम संस्कार हुआ वहीं परिजनों की मांग पर सिंगराली प्रशासन की ओर से 1-1 लाख रुपये राशि की तत्काल आर्थिक मदद व मृतकों के वयस्क नॉमिनी को यू पी एल कंपनी में संविदा पर नौकरी का लिखित आश्वासन दिया गया।
ज्ञात हो कि उक्त मांग को प्रशासन ने घटना के दूसरे दिन ही मान लिया था लेकिन शव के नाम पर राजनीति करने वाले कुछ लोगों ने पीड़ित परिजनों को नौकरी के साथ 20 लाख की राशि हर हाल में दिलाने के नाम पर शव को दो रात डेढ़ दिन तक रोकवा कर ना केवल शव के अंतिम संस्कार को रोका बल्कि पुलिस प्रशासन के साथ
परियोजना में कार्यरत मजदूरों को भी गुमराह किया। शव पर राजनीति करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ पीड़ित परिवार व अन्य लोगों में काफी रोष है।
गौरतलब हो कि घटना दिनाक 14 जनवरी को रात्रि कालीन ड्यूटी जा रहे बाइक सवार लालचंद शाह व हरिकृष्ण सेन दोनों निवासी मझौली की पिकअप की जोरदार टक्कर में घटना स्थल पर ही मौत हो गयी थी। घटना के दूसरे दिन 15 जनवरी को मृतकों के परिजनों के साथ बी एम एस के पदाधिकारी व तमाम नेतागण विन्ध्यनगर चिकित्सालय पहुंचे थे जहाँ सभी के मांग पर सिंगरौली प्रशासन की ओर से एस डी एम विकास सिंह, ए एस पी सूर्यकान्त शर्मा ,तहसीलदार विवेक गुप्ता ने पीड़ित परिवार को तत्काल 50-50 हजार की आर्थिक मदद व यू पी एल कंपनी में आश्रितों को नौकरी व बीमा के माध्यम से लाखो का मुआवजा का आश्वासन दिया ,पर शव के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों ने सस्ती लोकप्रियता के लिए एनटीपीसी विन्ध्यनगर गेट पर तम्बू लगा 20 लाख की क्षतिपूर्ति की मांग पर डट गए। हालाकि आश्चर्य तरीके से 16 जनवरी को सभी प्रदर्शनकारी नेता सरेंडर हो गए। जिसको लेकर पीड़ित परिजनों में काफी रोष था, उनका आरोप है कि यही करना था तो दो रात तक क्यू शव को रोके रखावाया।
30 घंटे बाद महज 50 हजार की राशि बढ़ी,
बता दे कि मृतकों के परिजनों को क्षतिपूर्ति 20 लाख दिलाने मजदूर संघ के नेतृत्व में सैकड़ो लोग एनटीपीसी के गेट पर धरने पर बैठ गए। पुलिस व जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम विकास सिंह व ए एसपी सूर्यकान्त शर्मा काफी समझाने का प्रयास किये ,लेकिन बात बनने के बजाय बिगड़ती गयी लिहाजा वैढन, विन्ध्यनगर ,जयंत की पुलिस टीम को बुलानी पड़ी थी। देर रात 11 बजे एनटीपीसी के एम के सिंह व जयवर्धने से चर्चा कर एएसपी श्री शर्मा ने आश्रितों को नौकरी दिए जाने का लिखित आश्वासन लिया और तत्काल आर्थिक मदद को 50 हजार से बढ़ा कर 1-1 लाख कर दिया। उसके बाद भी नेतृत्वकर्ताओ ने 20 लाख दिलाने के नाम पर परिजनों को सुलह करने से रोके रखा।
5 घंटे तक बाधित रहा विन्ध्यनगर-शक्तिनगर मार्ग
घटना को लेकर तीसरे दिन 16 जनवरी को प्रातः 6 बजे एनटीपीसी प्लांट में ड्यूटी जाने वाले श्रमिको ने काम का बहिष्कार कर थाना व एनटीपीसी गेट का घेराव कर दिया और विन्ध्यनगर-शक्तिनगर मार्ग को बाधित कर दिया। पुलिस टीम के साथ विन्ध्यनगर टी आई संतोष तिवारी काफी समय तक स्थिति को नियंत्रित करने डटे रहे , लेकिन प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को देख ए एस पी श्री शर्मा , वैढन टी आई भारी पुलिस बल के साथ विन्ध्यनगर पहुंचे और स्थिति को काबू में किया। रात में हुए समझौते पर पुनः पुलिस, पीड़ित परिवार व मजदूर संघ के बीच समझौता हुआ और रात के निर्णय पर फाइनली सहमति बनी।