रेलवे की ई-टिकटों पर दलालों का कब्जा, 33.17 लाख के ई-टिकट बरामद

नई दिल्ली, त्योहारों के पास आते ही ई-टिकट दलाल सक्रिय हो गए हैं। जनवरी 2018 से 31 अक्तूबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल में हर माह औसतन 16 ई-टिकट दलाल धरे जा रहें हैं। आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि जनवरी से 30 अक्तूबर 2018 तक दिल्ली मंडल में ई-टिकट दलालों के कुल 162 मुकदमे दर्ज किए गए। इन मुकदमों में कुल 167 लोग गिरफ्तार किए गए। हर स्टेशन में आरपीएफ जवानों की इन दलालों पर नजर रखने के लिए अलग टीम बनाई गई है। जो एक ही आईडी व मोबाइल नंबरों से लगातार टिकट बुक करने वालों पर नजर रखती है।

33.17 लाख रुपये के 1581 ई-टिकट बरामद: अधिकारियों ने बताया के पकड़े गए दलालों से कुल 1581 ई-टिकट बरामद हुए। इनकी कीमत करीब 33.17 लाख रुपये है। वहीं, यह लोग करीब 1.89 करोड़ कीमत की 9539 ई-टिकट बेच चुके थे। यह सभी टिकट फर्जी आईडी बनाकर बुक की गई थीं।

टिकट काउंटर पर भी दलाल मौजूद: अधिकारियों ने बताया के पिछले 10 माह में पीआरएस टिकट दलाली के कुल 15 मामले दर्ज किए गए और तकरीबन 16 दलालों को पकड़ा गया है। इनके पास से कुल 59 पीआरएस टिकट बरामद हुए। इनकी कीमत करीब 82,501 हजार रुपये है। इन पर लगाम कसने के लिए टिकट काउंटरों के आसपास भी आरपीएफ कर्मियों की तैनाती की गई है।

दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक उत्तर रेलवे आरएन सिंह के अनुसार, टिकट दलालों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। त्योहारों के समय पर इन पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। लोगों को सलाह है कि दलालों के चक्कर में न फंसे। स्पेशल ट्रेनों का लाभ उठाएं और दलालों के बारे में किसी प्रकार की सूचना मिलने पर तुरंत रेलवे अधिकारियों को बताएं।