मंगल भारत भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए अपने 177 उम्मीदवारों की पहली सूची की जारी कर दी है। मंगल भारत के के पॉलिटिकल एडिटर ऋषि पांडे अपने विश्लेषण में बता रहे हैं कि भाजपा ने किस-किस जगह पर क्या-क्या समीकरण साधने की कोशिश की है और क्या इससे बीजेपी को मिशन 200 का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
विश्लेषण के मुताबिक माना जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी को अगर वापस सत्ता में आना है तो कम से कम उसे आधे टिकटों को काटना पड़ेगा। ऐसा कहा जा रहा था कि संघ भी चाहता की आधी सीटों पर नाम कटे, लेकिन अभी जो 177 उम्मीदवारों की सूची आई उसमें ज्यादातर नामों को पुनरावृत्ति की गई है। इसमें केवल 39 विधायकों के टिकट कटे हैं, इसमें तीन मंत्री भी शामिल हैं।
जिन तीन मंत्रियों के टिकट कटे हैं उनमें माया सिंह, हर्ष सिंह और डॉ गौरीशंकर शेजवार शामिल हैं। माया सिंह की जगह पर ग्वालियर से भाजपा ने सतीश शिकरवार को टिकट दिया है और सांची विधानसभा क्षेत्र से मंत्री डॉ. शेजवार की जगह उनके बेटे मुदित शेजवार को उम्मीदवार बनाया गया है। डॉ शेजवार स्वयं भी चुनाव लड़ने की इच्छुक नहीं थे।
इस सूची में कई नाम चौकाने वाले हैं, भोपाल की सात सीटों में से भाजपा ने पांच पर उम्मीदवार घोषित किए हैं और दो के लिए उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जहां भाजपा मजबूत स्थिति में हैं वहां उन्होंने अपने विधायक नहीं बदले हैं। अभी इंदौर की सभी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा होना बाकी है, जबलपुर की कुछ सीटों पर घोषणा होना बाकी है। एक सांसद मनोहर ऊटवाल को भी एक टिकट दिया गया है, जबकि चर्चा यह थी कि कई मौजूदा सांसदों को भाजपा अपना उम्मीदवार बना सकती है।
अभी भाजपा की दूसरी सूची आना बाकी है, लेकिन अभी इस सूची को देखकर भाजपा के मिशन 200 के पूरा होने पर संशय नजर आ रहा है। दूसरी सूची में रुकी सीटों पर उनके विरोध को लेकर काफी लोगों के टिकट कट सकते हैं। सिवनी से दिनेश राय (मुन-मुन) को टिकट मिली है वे पहले निर्दलीय थे और भाजपा की सदस्यता ली थी। इन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के बाद भाजपा में निचले स्तर पर एक विरोध भी देखने को मिल सकता है।