फरीदाबाद में हवा सबसे खराब, एनसीआर में पहला और देश का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित रहा

फरीदाबादऔद्योगिक नगरी शुक्रवार को भी देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर रही। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार को भी 409 के बेहद खतरनाक स्तर पर रहा। प्रदूषण नियंत्रण के प्रशासनिक प्रयास के बावजूद हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक, दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ेगा। 422 वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ कानपुर देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विजय चौधरी ने बताया कि मौसम में बदलाव और तापमान गिरने से वायुमंडल में प्रदूषकों का घनत्व बढ़ रहा है। रात के समय तापमान कम होता है जिससे हवा और उसमें पाए जाने वाले प्रदूषक संघनित हो जाते हैं, यही कारण है कि इस समय पीएम 2.5 की मात्रा वातावरण में सर्वाधिक दर्ज की जाती है। शुक्रवार को रात 12 बजे से सुबह छह बजे तक पीएम 2.5 की मात्रा 470 से 422 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच बनी रही। सुबह आठ बजे यह घटकर 399 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पहुंचा, लेकिन उसके बाद इसकी मात्रा में फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई।
शाम तक इसकी मात्रा में कमी आई लेकिन पीएम 2.5 पूरे दिन में 305 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम नहीं हुआ। प्रदूषक नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड भी सामान्य 80 की जगह 180 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के स्तर पर रहा। विजय चौधरी के अनुसार, सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) का अनुमान है कि अगले तीन दिन तक दिल्ली एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब रह सकता है। इसके कारण मौसम में तब्दीली है, पछुआ हवा के कारण चार नवंबर तक शहर के वायुमंडल में नमी बढ़ेगी, इससे वायुमंडल की प्रदूषक ढोने की क्षमता बढ़ जाएगी। स्थानीय हवाएं भी शांत हैं जिस कारण प्रदूषण कम नहीं हो रहा।
उन्होंने बताया कि प्रशासनिक साइटों पर निर्माण कार्य रुकवा दिये गए हैं। निजी निर्माण रुकवाने के लिए नगर निगम, हुडा, एनएचएआई आदि सरकारी विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को भी निर्देश दिए गए हैं कि एक से दस नवंबर तक सघन चेकिंग कर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर लगाम लगाई जाए। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि अपने आस पास कूड़े के ढेर में आग नहीं लगने दें, यदि आग लगाई जाती है तो इसकी सूचना तत्काल संबंधित विभाग को दें।