नई दिल्ली, दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित धर्मादेश कार्यक्रम में देशभर से साधु-संत आए हुए हैं. रविवार को दो दिवसीय कार्यक्रम खत्म हो रहा है. इस मौके पर आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. राम मंदिर पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हम हमेशा से मंदिर निर्माण के पक्षधर हैं.
हिन्दू और मुस्लिम पक्षकारों के बीच मध्यस्थता की कोशिश कर चुके श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि उन्होंने आज भी सभी पक्षों के बीच सुलह की कोशिशें जारी रखी हैं. श्रीश्री ने कहा कि वे संतों से बात करने के बाद ही इस मामले में कोई टिप्पणी करेंगे.
कार्यक्रम में पहुंचे स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि राम मंदिर या तो अध्यादेश के जरिए बन सकता है या फिर सौहार्दपूर्ण माहौल से बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अब हालात काबू से बाहर हो रहे हैं और हमारा सब्र टूट रहा है.
चुनाव से पहले बने मंदिर
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि हम अयोध्या में राम मंदिर चाहते हैं. जब सुप्रीम कोर्ट एक आतंकी के लिए आधी रात को खुल सकता है तो फिर धार्मिक आस्था का मामला क्यों टाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोर्ट का सम्मान है लेकिन राम मंदिर हमारा अधिकार है. स्वामी ने कहा कि अगर सरकार 2019 चुनाव से पहले राम मंदिर बनवाने में नाकाम रहती है तो भगवान उन्हें सजा देगा. उन्होंने कहा कि कोई इसे लेकर गंभीर हो या नहीं लेकिन संत समाज मंदिर को लेकर गंभीर है.
विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि फैसले में देरी करके सुप्रीम कोर्ट अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि मामलों कोर्ट में होने पर केंद्र सरकार इसके लिए कानून बना सकते है और अगर सरकार चाहे तो आसानी से मंदिर बन सकता है.
अखिल भारतीय संघ समिति के स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि इस समागम में कई अहम फैसले लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि देश में कोई भी आदर्श व्यक्तियों की प्रतिमा के बनाने के खिलाफ नहीं जाएगा, चाहे वो सरदार पटेल की हो या फिर भगवान राम की. उन्होंने कहा कि सिर्फ विनाशकारी ताकतें ही इसके खिलाफ हो सकती हैं.
धर्मादेश में जुटे हजारों संत
बता दें कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम देश भर से 3 हजार संत जुटे हैं. संतों के इस जमावड़े को धर्मादेश संत महासम्मेलन नाम दिया गया है. इस कार्यक्रम का आज दूसरा दिन है. बीते दिनों राम मंदिर न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती ने कहा कि आपसी सहमति से दिसंबर में भी राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा. उन्होंने कहा कि मुस्लिम चाहें तो लखनऊ में मस्जिद बना सकते हैं.