नई दिल्ली राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर अध्यादेश लाने का दबाव बनाने के मकसद से अखिल भारतीय संत समिति ने देश भर के 500 जिलों में मीटिंग करने का फैसला लिया है। हिंदू संतों की शीर्ष संस्था ने रविवार को प्रस्ताव पारित कर कहा कि उसकी ओर से 500 जिलों में जनसभाओं का आयोजन होगा, जिसमें लोगों से अध्यादेश को लेकर समर्थन मांगा जाएगा। इन मीटिंगों की शुरुआत 25 नवंबर से अयोध्या में जनसभा के साथ होगी।
समिति की दो दिवसीय मीटिंग इस राय के साथ समाप्त हुई कि सरकार को मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए कानून बनाना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया, ‘हम इस बात से दुखी हैं कि सरकार मंदिर निर्माण में देरी कर रही है, लेकिन सामाजिक मुद्दों और हिंदू समाज के प्रति सरकार के कामों से हमें खुशी है। हमें उम्मीद है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए सरकार जल्दी ही कदम उठाएगी।’
300 प्रमुख साधु-संतों की समिति ने भगवान राम के अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि हिंदू समाज में एकता बनी रहे। मंदिर के लिए जनसमर्थन जुटाने के मकसद से संतों की ओर से देश के 500 जिलों में जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। 25 नवंबर को अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरु में मीटिंग्स के साथ इसकी शुरुआत होगी। इसका समापन 9 दिसंबर को दिल्ली में एक मेगा रैली के साथ होगा।
PM ने मंदिर की तारीख न बताई तो दे देंगे जान
इस बीच अयोध्या के तपस्वी छावनी मंदिर के स्वामी परमहंस दास ने कहा कि यदि 5 दिसंबर तक पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंदिर की निर्माण की तारीख नहीं बताई तो वह 6 दिसंबर को अपनी जान दे देंगे।
राम को अपने दिल में बसाएं: थरूर
राम मंदिर निर्माण की मांग और आंदोलन की तैयारियों के बीच कांग्रेस लीडर शशि थरूर ने कहा है कि कोई भी हिंदू हिंसा नहीं चाहेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को राम को अपने ह्रदय में बसाना चाहिए। थरूर ने कहा, ‘यदि राम हमारे दिल में होंगे तो यह बहुत मायने नहीं रहेगा कि वह कहां हैं और कहां नहीं क्योंकि हर जगह पर हैं।’