जम्मू जम्मू-कश्मीर अपराध शाखा ने कठुआ में आठ साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले के एक गवाह के खिलाफ झूठी गवाही का आरोप लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। गवाह ने एक मैजिस्ट्रेट के सामने इकबालिया बयान दर्ज कराया था और बाद में वह उससे पलट गया।
अधिकारियों के मुताबिक, पठानकोट के सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह द्वारा अजय कुमार उर्फ अज्जू को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि वह सोमवार को स्पष्ट करे कि उसके खिलाफ जम्मू-कश्मीर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 479-बी के तहत कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जाए।
धारा 164-ए के तहत दर्ज बयान के विपरीत बयान देने पर गवाहों की सुनवाई की संक्षिप्त प्रक्रिया का प्रावधान धारा 479-बी में है। कुमार ने इस साल 27 फरवरी को जम्मू में एक न्यायिक मैजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज किया था। इसमें कुमार ने दावा किया था कि परवेश कुमार उर्फ मन्नू ने बच्ची के साथ बलात्कार और बाद में उसकी हत्या के बारे में ग्राफिकल विवरण दिया था। पीड़ित बच्ची एक अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय से थी।
कोर्ट ने पूछा- क्यों न हो धारा 479-बी के तहत कार्रवाई
कुमार को जारी नोटिस में कहा गया है कि अदालत में अभियोजन गवाह के तौर पर धारा 164-ए के तहत दर्ज अपने बयान से जानबूझकर पलटने को लेकर आपके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए अभियोजन द्वारा आवेदन दिया गया है। ऐसे में आपको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 479-बी के तहत कार्रवाई शुरू की जाए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रही सुनवाई
पठानकोट की सत्र अदालत के नोटिस में कहा गया है, ‘आप 12 नवंबर 2018 को इस अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हो सकते हैं या किसी वकील द्वारा प्रतिनिधित्व किया जा सकता है।’ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सत्र न्यायाधीश कठुआ के इस बर्बर मामले की सुनवाई कर रहे हैं। पीड़ित के परिवार के अनुरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पठानकोट जिला और सत्र अदालत को सुनवाई का जिम्मा सौंपा था।