सियासी चेहरों की शह-मात पर सट्टा बाजार गरम, 10 हजार करोड़ का खेल

विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे सियासी चेहरों की शह और मात को लेकर प्रदेश में सट्टा बाजार गरमाने लगा है। कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब सटोरिए प्रदेश में सरकार बनाने तक का भाव तय करने में लग गए हैं। हालांकि अभी नाम वापसी तक दोनों दलों के भावों को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। दोनों ही दलों के उम्मीदवार घोषित होने के बाद अभी सटोरिए कड़ा मुकाबला मानते हुए हुए भाव तय कर रहे हैं।


पल-पल बदल रहा बाजार….
प्रदेश में सट्टा बाजार के प्रमुख केंद्र इंदौर और भोपाल के ट्रेंड के मुताबिक अब तक जो भाव चल रहा था, उसके मुताबिक यदि कोई व्यक्ति भाजपा के सत्ता में आने को लेकर 10 हजार रुपए लगाता है और भाजपा सरकार बनाती तो उसे 11 हजार रुपए मिलते, जबकि कांग्रेस पर 4400 रुपए लगाने वाले को कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 हजार रुपए मिलते। इस भाव से साफ है कि सटोरियों ने मुकाबले में भाजपा का पलड़ा भारी रखा था, लेकिन जब दोनों दलों के उम्मीदवारों का ऐलान हुआ तो परिस्थितियां बिल्कुल उलट हो गई हैं। एक बुकी ने बताया कि दोनों पार्टियों के ज्यादातर उम्मीदवारों के नाम सामने आने के बाद सट्टा बाजार में मुकाबला फिफ्टी-फिफ्टी हो गया है।
कांग्रेस के मजबूत माने जा रहे उम्मीदवारों ने भाव में भारी अंतर ला दिया है। अब भाजपा पर 10 हजार रुपए लगाने पर 15 हजार मिलेंगे तो कांग्रेस पर पांच हजार रुपए लगाने पर आठ हजार रुपए का भाव है। दूसरी ओर सट्टा कारोबार पर साइबर पुलिस की भी नजर है।
10 हजार करोड़ का सट्टा कारोबार…
चुनाव पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए के सट्टा कारोबार का अनुमान है। अब मोबाइल, वेबसाइट और ऑनलाइन ऐप्लीकेशन के जरिए सट्टा लगने लगा है। ऑनलाइन सट्टा रैकेट को पकडऩा पुलिस के लिए मुश्किल हो जाता है। ऑनलाइन सट्टेबाजी मूविंग कार, कैफे या शहर के पब्लिक प्लेस से भी संचालित की जा रही है। सट्टेबाजों में इन दिनों क्रिकेट से ज्यादा चुनाव को लेकर क्रेज है। भोपाल में सट्टे से संबंधित रोजाना करीब तीन मामले दर्ज हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने सट्टेबाजों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया है।
सेशन में कांग्रेस ने मारी बाजी….
सटोरियों की खुफिया नजर दोनों दलों के उम्मीदवारों पर पड़ी और बड़ी बारीकी से देखने के बाद सेशन की शुरुआत हो गई है। बाजार कांग्रेस की चर्चाओं को लेकर गर्मा रहा है। प्रारंभिक तौर पर बाजार से जो संकेत मिल रहे हैं, उससे जाहिर है कि भाजपा का नारा अबकी बार 200 पार काफी पीछे छूट रहा है। भाजपा के सेशन यानी इवन (जितनी राशि लगाएंगे, उतनी ही वापस मिलेगी) के लिए बाजार में 98 से 101 सीट मिल रही है। वहीं, कांग्रेस इस सेशन में भाजपा से आगे निकल गई और बाजार में 114 से 116 सीट के लिए इवन प्वॉइंट है।