नई दिल्ली भारत का आर्थिक परिदृश्य किस तरह तेजी से बदल रहा है, इसका संकेत अलग-अलग शहरों के इनकम टैक्स कलेक्शन से भी मिलता है। देश की बिजनस कैपिटल मुंबई का कुल इनकम टैक्स रेवेन्यू में 29 फीसदी हिस्सा है, लेकिन यह शेयर लगातार कम हो रहा है। राजधानी दिल्ली देश के कुल टैक्स कलेक्शन में दूसरे नंबर पर है। 2017 के मुकाबले अप्रैल से नवंबर के दौरान दिल्ली के टैक्स कलेक्शन में 45 फीसदी का इजाफा हुआ है।
मुंबई के टैक्स कलेक्शन में महज 5 पर्सेंट का ही इजाफा हुआ है। मुंबई में इनकम टैक्स की कमजोर ग्रोथ की वजह मोटा रिफंड भी है। दिल्ली के इनकम टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा होने से उत्तर भारत क्षेत्र के शेयर में इजाफा हुआ है। बीते साल के मुकाबले दिल्ली के टैक्स कलेक्शन में 5 फीसदी का उछाल आया है और यह 16.5 पर्सेंट तक पहुंच गया है।
दिल्ली की यह ग्रोथ कोलकाता और चेन्नै जैसे छोटे सेंटर्स की तुलना में भी कहीं ज्यादा है, जो बीते साढ़े सात महीनों में सिंगल डिजिट के करीब ही रही है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने अधिक जानकारी देने से इनकार करते हुए बताया, ‘देश भर में रिफंड के मामले में डिपार्टमेंट खासा ऐक्टिव है। लेकिन, मुंबई में रिफंड की बात की जाए तो यह काफी अधिक है।’
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में रिफंड का क्लेम बहुत अधिक नहीं है, जिसका असर ग्रॉस कलेक्शन पर दिख रहा है। हालांकि उन्होंने इसका कुल आंकड़ा बताने से यह कहकर इनकार कर दिया कि इस संबंध में अभी पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है।