अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को आकर्षित करने में असफल साबित हो रहा है। यही वजह है कि विवि द्वारा चलाए जा रहे 192 में से 100 पाठ्यक्रमों में से एक सैकड़ा में किसी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है। यही नहीं जिन पाठ्यक्रमों में प्रवेश हुआ भी तो उनमें से 92 में 1 से 4 संख्या सामने आयी है। इस स्थिति के चलते अब विवि प्रशासन द्वारा स्टूडेंट्स से कोर्स बदलने के लिए कहा जा रहा है। यही नहीं सरकार के तमाम दावों के बाद भी हिन्दी में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई भी सिर्फ घोषणा तक ही सीमित रह गई है। अब हालात
यह है कि विवि 31 कोर्स अब बंद करने की तैयारी में है। विश्वविद्यालय द्वारा पिछले वर्ष शुरू किए गए इंजीनियरिंग कोर्स में इस साल सिर्फ 10 छात्रों ने दाखिला लिया है, वहीं पिछले वर्ष 8 छात्रों ने एडमिशन लिया था। इसके अलावा विवि की तीन ब्रांचों की सभी 90 सीटें खाली हैं। विवि के 92 कोर्स में से अधिकांश ऐसे हैं, जिनमें से एक या दो छात्र ही पढ़ रहे हैं।
192 कोर्स का जिम्मा 4 प्रोफेसर पर
हिन्दी विवि की स्थापना को छह साल हो चुके हैं। यहां 18 विभागों में 192 पाठ्यक्रमों में संचालित किए जाते हैं। भर्ती के लिए विश्वविद्यालय तीन बार विज्ञापन निकाल चुका है, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। विवि में स्थाई स्टाफ के तौर पर कुलपति, रजिस्ट्रार और चार प्रोफेसर हैं। ये प्रोफेसर भी विभिन्न कॉलेजों से प्रतिनियुक्ति पर आए हैं। इसके अलावा करीब 20 लोगों का अस्थाई स्टाफ है।
इन कोर्स में 1 से 4 स्टूडेंटस ने लिया एडमिशन
विद्या निधि हिंदी-1, विद्या निधि राजनीति शास्त्र-1, विद्यानिधि भौतिकी-2, विद्यानिधि वाणिज्य-2, विद्या निधि प्रबंधन-1, एम राजनीति शास्त्र-2, एम अर्थ शास्त्र-1, एम संस्कृत-2, एम संगीत-1, एमएससी भौतिक शास्त्र-2, एमएससी गणित-2, एमएससी संगपाक विज्ञान-1, एमएफएससी मत्स्य विज्ञान-3, एम काम वाणिज्य-3, एमएससी रसायन शास्त्र-3, बीएससी, जैवविविधता संरक्षण एवं प्रबंधन-4, बीबीए (पारिवारिक व्यवस्था)-3, बीसीए (संगणक), अनुप्रयोग-3, स्नातकोत्तर पत्रोपाधि सायवर कानून-4, स्नातकोत्तर पत्रोपाधि पर्यावरण विधि-3, स्नातकोत्तर पत्रोपाधि गर्व संस्कार-3, स्नातकोत्तर पत्रोपाधि (पत्रकारिता एवं जनसंचार)-3, डिप्लोमा, पर्यटन प्रबंधन इन तीर्थाटन-1, डिप्लोमा मत्स्य विज्ञान-2, डिप्लोमा पुस्तकालय विज्ञान-2, डिप्लोमा गर्भ संस्कार-2, प्रमाण पत्र (ज्योतिष विज्ञान छह माह)-3, प्रमाण पत्र (जैविक कृषि, प्रौद्योगिकी प्रबंधन छह माह)-2, प्रमाण पत्र योग प्रशिक्षक प्रशिक्षण-1, प्रमाण पत्र सृजनात्मक हिंदी-1