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मंगल भारत नई दिल्ली। सीबीआइ ने 487 करोड़ रुपये के कोयला आयात घोटाला मामले की जांच शुरू कर दी है। इंडोनेशिया से आयातित घटिया किस्म के कोयले को उत्तम श्रेणी का बताकर एनटीपीसी और अरावली पावर कारपोरेशन को सौंपा गया था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने राजस्व गुप्तचर निदेशालय की जांच के आधार पर कार्रवाई शुरू की है। एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि राजस्व गुप्तचर निदेशालय ने वर्ष 2011-12 और 2014-15 के दौरान आयात में गड़बड़ी पाया।
सीबीआइ ने कोस्टल इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई के प्रमोटर अहमद एआर बुहारी और नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी), मेटल एंड मिनरल ट्रेडिंग कारपोरेशन (एमएमटीसी), अरावली पावर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। एजेंसी ने सभी को आपराधिक साजिश धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी बनाया है।
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एफआइआर के अनुसार, एनटीपीसी और अरावली पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने कोयले की आपूर्ति के लिए वैश्विक निविदा जारी की थी। पावर प्लांट संचालन के कुछ निश्चित स्तर के लिए कोयले की श्रेणी और गुणवत्ता महत्वपूर्ण थी।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी और चेन्नई की कोस्टल इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड निविदा में सफल हुई। कंपनी ने सीधे इंडोनेशिया से कोयला नहीं मंगाकर दुबई की सहयोगी कंपनी के माध्यम से आपूर्ति कराई और गुणवत्ता से समझौता किया।
एनटीपीसी, एमएमटीसी और अरावली पावर कंपनी लिमिटेड एनटीपीसी हरियाणा एवं दिल्ली सरकार की संयुक्त उपक्रम कंपनी है। कोयला आधारित ताप बिजली घर संचालित करती हैं और इसके लिए वैश्विक निविदा के माध्यम से कोयले का आयात किया जाता है।