हाईवोल्टेज सीट ग्वालियर दक्षिण 17 समीक्षा गुप्ता के निर्दलीय प्रत्याशी बनते ही प्रवीण पाठक कांग्रेस की स्थिति भारी मंगल भारत की हाईवोल्टेज सीट में जहां पहके मुकाबला भाजपा कांग्रेस में था ।

हाईवोल्टेज सीट
ग्वालियर दक्षिण 17

समीक्षा गुप्ता के निर्दलीय प्रत्याशी बनते ही प्रवीण पाठक कांग्रेस की स्थिति भारी 

सलाहकार संपादक बलराम  पाांडेय की कलम से

मगल भारत की हाईवोल्टेज सीट में जहां पहके मुकाबला भाजपा कांग्रेस में था । भाजपा के तीन बार से विधायक नारायण सिंह कुशवाह जो तीनों कार्यकाल में मंत्री रहे है ,मैदान में हैं तो उनके खिलाफ कांग्रेस ने इस बार सभी पुराने चेहरों की जगह एक नौजवान पर दांव लगाया है । 

यह चुनाव जातिईय समीकरण की आड़ में अनिश्चितताओं से भरा नॉजर आ रहा था क्योंकि नारायण सिंह का यहां एक स्थायी वोट बैंक कांग्रेस पर पिछले तीनों चुनाव में भारी पड़ा है। इस बार कांग्रेस ने एक बहुत पुराने बाबूलाल पाठक बरई के कांग्रेसी परिवार की चौथी पीढ़ी बेदाग और युवा चेहरे को मैदान में उतारकर भाजपा की राह मुश्किल कर दी थी। प्रवीण पाठक को नारायण सिंह के 15 वर्ष की कार्यकाल की असफलताओं और क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के अभाव का बहुत लाभ चुनाव प्रचार में मिल रहा है। प्रवीण के पिता संतीश पाठक भी कांग्रेस के नेता रहे हैं तो दूसरी ओर नारायण सिंह की सौम्य छवि आज भी उनकी सकारात्मकता बरकरार रखे हुए है।

भाजपा के विधायक की निष्क्रियता और मंत्री रहने के बाद भी क्षेत्र की हालत तथा भाजपा की सरकार के प्रति जो भी जनाक्रोश है उसे लेकर प्रवीण मैदान मे ताल ठोक दिए हैं लेकिन कांग्रेस के संगठन में उनकी कम पकड़ और कांग्रेस के भितरघात ने उनकी राह भी कठिन कर दी है।

इस सबके बीच अचानक से भाजपा के पुराने परोवार से नाता तोड़ पार्टी पर आरोप लगाकर निर्दलीय उम्मीदवार समीक्षा गुप्ता की एंट्री हो गयी है । चाबी चुनाव चिन्ह से मैदान में आईं समीक्षा गुप्ता ग्वालियर की अभी हाल ही में महापौर रही हैं तो उनकी पकड़ अभी ढीली नही हुई है।
समीक्षा गुप्ता ने आते ही नारायण सिंह के 15 साल के कार्यकाल की असफलताओं पर जैसे ही सवाल खड़े किए प्रवीण पाठक को बल मिल गया । कांग्रेस भी उन्ही 15 साल पे फोकस कर रही थी।
समीक्षा के आरोप और एकदम से दमखम से प्रचार में आ जाने से नारायण सिंह कुशवाह की न सिर्फ रणनीति प्रभावित हुई बल्कि उनके घर का वोट भी बंट जाएगा क्योंकि दोनों एक ही क्षेत्र के निवासी हैं।

कांग्रेस ने अब 15 साल दक्षिण बेहाल में 5 साल समीक्षा गुप्ता के भी शामिल कर लिए हैं। कांग्रेस को समीक्षा के मैदान में आने से बहुत बड़ा यह फायदा हुआ कि उसका निष्क्रिय कार्यकर्ता भी अब अपनी पार्टी के साथ मैदान में है क्योंकि अब उसे जीतने की राह आसान दिख रही है। जीतने के बाद उसे यह बात पता है कि आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी का जनाधार बढ़ेगा इससे कांग्रेस का जमीनी कार्यकर्ता बहुत तेजी से सक्रिय हुआ है।

ग्राउंड जीरो से मंगल भारत के रिपोर्टर इस बात को समझ पाए हैं कि समीक्षा गुप्ता के मैदान में आते ही प्रवीण पाठक ने भी अपनी अपनी रणनीति को बहुत ही स्पष्ट कर दिया है। 15 साल विधायक के और 5 साल महापौर के ।
के जगह इस तरह की चर्चाएं हैं कि कांग्रेस की जीत की चाबी ,समीक्षा जी भाभी ।

अंदरखाने इस बात की भी खबर है कि जो कांग्रेसी भितरघात कर रहे थे उन्हें भी अपना वोट समीक्षा गुप्ता की ओर मोड़ना आसान रहेगा और भाजपा के जो लोग नारायण सिंह कोप्रत्याशी नहीं देखना चाहते थे वो भी समीक्षा गुप्ता की ओर मुड़ेंगे।

इस जद्दोजहद में पहले से मूलभूत सुविधाओं की समस्याओं, रोजगार और महिला सुरक्षा को केंद्र में रखकर लड़ रहे प्रवीण पाठक तेजी से आगे बढ़ गए हैं। फिलहाल न तो समीक्षा गुप्ता और न ही नारायण सिंह के पास प्रवीण पाठक के विरुद्ध कोई ठोस आधार नहीं है जिसे वो भुना सकें।
इसलिए नारायण सिंह कांग्रेस और अपनी शांत छवि और समीक्षा गुप्ता नारायण सिंह के कार्यकाल को टारगेट करके मैदान में हैं।
अब देखना यह है कि नोटबन्दी , GST और शहरी पार्किंग की अव्यवस्थाओं से जूझता ग्वालियर दक्षिण का व्यापारी का कांग्रेस को ओर झुकाव कब तक बना रहता है।
कुछ व्यापारियों से बात करने पर मंगल भारत के संवाददाता को यह समझ आया कि अधिकांश व्यापारी इन मुद्दों से नाराज है और उसकी पहली पसंद अब भाजपा नहीं है। परिवर्तन की चाह अब उसे किस ओर ले जाती है यह रोचक होगा।

लेकिन जो भी उतार चढ़ाव हो ग्वालियर दक्षिण 17 का चुनाव हर दिन हाईवोल्टेज होता जा रहा है।

इसके अलावा ग्वालियर ग्रामीण की सीट है जिस पर मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है और हर दिन संभावनाएं बदल रही हैं।
जहां फूल सिंह बरैया के मैदान में आने से बसपा के साहब सिंह की राह आसान नहीं रही वहीं भारत और मदन के समर्थित मतों में भी विभाजन तय है। अब यहां पर निर्णायक स्थिति का मतदाता जो सत्ता से नाराज है, जो SCST आन्दोलन की सोच स प्रभावित है और जो सामाजिक सक्रिय है वह निर्णायक भूमिका में आ गया है।

ग्वालियर पूर्व में टक्कर सीधे कांग्रेस और भाजपा में है यहां पर सपाक्स और आप उम्मीदवार भाजपा के लिए कुछ चिंता का विषय बना हुआ है तो ग्वालियर 15 में आप प्रत्याशी कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है। लेकिन इन दोनों सीटों पर मुकाबला आमने सामने का है ।

फिलहाल चुनावी गर्मी 20 के बाद बढ़ेगी जिसकी खबर मंगलभारत आप तक पहुंचाता रहेगा ।

मंगल भारत के लिए गजेंद्र सिंह ग्वालियर से।