मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में इस बार कोई लहर न होने की वजह से कांग्रेस व भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला हो गया है। कांग्रेस इस बार पन्द्रह सालों के वनवास को समाप्त करने के लिए पूरा जोर लगा रही है तो, वहीं भाजपा अपने गढ़ को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। एंटीइनकमबेंसी व लोगों की सरकार को लेकर नाराजगी के चलते भाजपा के सामने मुश्किलें बनी हुई हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी हालात में कुछ ज्यादा
सुधार न होने की वजह से अब संघ ने अपने स्वयंसेवकों को मैदान में उतारने का फैसला कर लिया है। इन कार्यकर्ताओं को नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं की कमी दूर करने का जिम्मा दिया जा रहा है। अब कांगे्रस और भाजपा दोनोंं का मैनिफेस्टो जारी हो चुका है। इसके साथ ही चुनाव प्रचार और तेज हो गया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए अपने संघ विस्तारकों की फौज उतारेगा। यह विस्तारक प्रत्यााशी की सही स्थिति का पता लगाकर संगठन को जानकारी देंगे। उसके हिसाब से पार्टी अगली चुनावी रणनीति तैयार कर प्रत्याशी को मजबूत करने का प्रयास करेंगे। इसके लिए चार राज्यों के करीब सौ संघ विस्तारक लगाए जा रहे हैं। यह विस्तारक ही बूथ मैनेजमेंट से लेकर मैदानी रिपोर्ट तैयार करने तक का काम करेंगे।
बड़े नेता भी प्रदेश में सक्रिय
इसके अलावा भाजपा के अन्य बड़े नेता भी प्रदेश में सक्रिय हैं। पीएम मोदी सहित भाजपा अध्यक्ष अमित शाह में लगातार मप्र के दौरे कर रहे हैं और पार्टी के चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांगे्रस 15 साल बाद सत्ता में आने के लिए दम लगा रही है। कांगे्रस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी बड़े नेता प्रदेश में रोड शो और रैलियां कर रहे हैं।