छत्तीसगढ़ चुनाव: सट्टा बाजार में कांग्रेस मजबूत, लेकिन स्पष्ट बहुमत नहीं
छत्तीसगढ़ में चुनावी सरगर्मियों के थमने के बाद अब सट्टा बाजार गरम होता जा रहा है.सट्टा बाजार में लोकल सटोरियों के लिए कांग्रेस की स्थिति मजबूत नजर आ रही है, लेकिन सूबे में किसकी सरकार बनेगी यह स्पष्ट तौर पर सट्टा बाजार के भाव से भी साबित नहीं हो रहा है. प्रदेश में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. सट्टा बाजार में इस बार नया और बड़ा दांव खेला गया है.
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सूत्रों के मुताबिक सीटों के लिहाज से सट्टा बाजार बीजेपी को कम आंक रहा है. जबकि कांग्रेस को ऊपर रखा गया है. एक लोकल बुकी के अनुसार सट्टा बाजार द्वारा रेट व सीटों की संख्या की घोषणा सात दिसंबर को राजस्थान व तेलंगाना में मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जारी किया जा सकता है. फिर भी सूत्रों की मानें तो सट्टा बाजार मान रहा है कि इस बार सबसे अधिक सीटें कांग्रेस को मिलेंगी, लेकिन स्पष्ट बहुमत की स्थिति नहीं बनेगी.
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बीजेपी किसी भी सट्टा बाजार के भावों से इत्तेफाक नहीं रख रही है. भाजपा प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी का कहना है कि हमलोग पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएंगे. सट्टा बाजार को लेकर सिर्फ चर्चाएं की जाती हैं और इसका असर सिर्फ चर्चा तक ही रहता है. दूसरी ओर कांग्रेस को भरोसा हैं कि जनता ने सूबे में परिवर्तन के लिए मतदान किया है. कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी का कहना है कि इस बार जनता ने कांग्रेस की सरकार बनाने का फैसला कर दिया है.
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सूबे में पहली बार बने महागठबंधन को भी सम्मानजनक सीटें सटोरी दे रहे हैं. इससे यह स्पष्ट है कि आने वाली सरकार सट्टा बाजार के मुताबिक साफ बहुमत नहीं ला पा रही है, लेकिन महागठबंधन के घटक इस बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का दावा कर रहे है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रवक्ता नितिन भंसाली का कहना है कि पूर्ण बहुमत के साथ जोगी-बसपा गठबंधन की सरकार बनने जा रही है.
वैसे सट्टा बाजार और इनमें दांव लगाना गैर कानूनी है. इसमें जेल जाने का भी प्रवाधान है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों में सट्टा बाजार के भाव और मायने को लेकर गहरी हलचल है. आखिरी फैसला तो 11 दिसंबर को ईवीएम मशीन के खुलने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.
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