मेडचल यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को तेलंगाना के मेडचल में चुनावी रैली को संबोधित किया. कांग्रेस पार्टी की मेडचल में हो रही यह रैली इसलिए भी अहम है, क्योंकि तेलंगाना गठन के बाद पहली बार यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्य में रैली को संबोधित किया है. सोनिया गांधी ने अपने संबोधन की शुरुआत तेलंगानावासियों को कार्तिक पूर्णिमा की बधाई देते हुए की.
इसके बाद उन्होंने तेलंगाना राज्य के गठन में कांग्रेस के योगदान की बात कही. साथ ही राज्य की टीआरएस सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या तेलंगाना के जन्म के समय जो सपने आपने देखे थे, उनमें से पिछले चार सालों में कितने पूरे हुए? उन्होंने लोगों से कांग्रेस पार्टी और गठबंधन में शामिल अपने सहयोगी दलों को वोट देकर जिताने की अपील की. इसके बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रैली को संबोधित कर रहे हैं.
– राहुल गांधी ने कहा कि तेलंगाना के गठन में सोनिया गांधी का भी योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना के लोगों ने कड़े संघर्ष के बाद इस राज्य को बनाया है.
– सोनिया गांधी ने कहा कि तेलंगाना राज्य के गठन के बाद इसकी कमान लोगों के हाथ में पड़ गई, जो अपना ध्यान तो रखा, लेकिन तेलंगाना के बच्चे को उसके ही हाल में छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सभी के कल्याण की योजना के बारे में अपने घोषणा पत्र में ऐलान किया है.
– सोनिया गांधी ने कहा कि पहले मैं जब भी यहां आती थी और यहां की महिलाओं से मिलती थी, तो उनकी स्वयं सहायक समूहों को देखती थी. मैं जब भी दूसरे प्रदेशों में जाती थी, तो यहां कि मिसाल देती थी. लेकिन दुख यह है कि यहां की महिलाओं को आगे बढ़ाने का कारगर हथियार ही यहां की टीआरएस सरकार ने खत्म कर दिया.
– सोनिया गांधी ने कहा कि यहां की टीआरएस सरकार ने किसानों के हित में तो कोई काम किया नहीं और ऊपर से यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए भूमि अधिग्रहण कानून को भी जानबूझकर नजर अंदाज किया. यहां के लोगों को मनरेगा का लाभ भी नहीं मिला. तेलंगाना के नौजवान आज निराश हैं और रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं.
– सोनिया गांधी ने कहा कि हर मां चाहती है कि उसकी संतान फूले फले और आगे बढ़े, लेकिन आज तेलंगाना राज्य की स्थिति को देखकर मैं बहुत दुखी हूं. आपको इस बात का एहसास है कि जितना तेलंगाना का विकास होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ है. सोनिया ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा कि तेलंगाना के जन्म के समय जो सपने आपने देखे थे, वो पिछले चार साल में कितने पूरे हुए? नया राज्य इसीलिए बना था कि किसानों को पानी और लोगों को रोजगार मिले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यहां के किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं.
– सोनिया गांधी ने कहा कि तेलंगाना राज्य का गठन आसान काम नहीं था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने राजनीतिक नुकसान उठाकर इसका गठन कराया.
इस रैली के लिए व्यापक तौर पर तैयारियां की गई हैं. 70 विधानसभा क्षेत्रों में एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं, ताकि राज्य की ज्यादा से ज्यादा जनता सोनिया गांधी को सुन सके. इस जनसभा में कई सामाजिक संगठन तेलंगाना के गठन में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए सोनिया गांधी को सम्मानित भी किया गया है.
वहीं, कांग्रेस ने मेडचल में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की जनसभा के लिए तेदेपा और महागठबंधन के दूसरे साझीदारों को न्योता भेजा है. हालांकि तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू इस रैली के दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ मंच साझा नहीं करेंगे. कांग्रेस ने पिछले महीने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के खिलाफ तेदेपा और तेलंगाना जन समिति, भाकपा के साथ गठबंधन किया था.
कांग्रेस के राज्य प्रभारी आरसी खुंटिया ने बताया कि राहुल गांधी के 28 और 29 नवंबर को राज्य के दौरे के समय नायडू कांग्रेस के साथ प्रचार करेंगे. हालांकि नायडू सभी सभाओं में मंच साझा नहीं करेंगे.
लंबे समय के बाद सोनिया का प्रचार
हाल में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 21 महीने के ब्रेक के बाद 2 रैलियां की थीं. इससे पहले उन्होंने 2 अगस्त 2016 को उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में रोड शो किया था, लेकिन इस शो के समापन स्थल से चंद किलोमीटर दूर उनकी तबियत खराब हो जाने की वजह से उन्हें दिल्ली आना पड़ा था.
इसके बाद उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, हिमांचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के विधानसभा चुनावों से भी सोनिया दूर रहीं. हालांकि सोनिया गांधी हिमांचल प्रदेश में चुनाव से ठीक पहले वे अक्टूबर 2017 में शिमला गईं थीं. लेकिन यह चुनावी दौरा नहीं था, बल्कि वो छुट्टी पर गई थीं और इस दौरान तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें बीच में ही वापस आना पड़ा था.
इसके बाद उन्हें दिसंबर 2017 में गोवा में एक रिजॉर्ट में छुट्टी के दौरान साइक्लिंग करते देखा गया था. यह भी चुनावी दौरा नहीं था. मई 2018 के बाद अब सोनिया गांधी एक बार फिर चुनावी समर में कांग्रेस के लिए प्रचार करने जा रही हैं और इससे ठीक पहले उठा यह विवाद तेलंगाना विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाएगा, ये तो 11 दिसंबर को ही पता चलेगा