पांच अंचलों से मिलकर बने प्रदेश में इस बार पांच किन्नर चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। खास बात यह है कि हर अंचल से एक किन्नर चुनावी मैदान में हैं। इन किन्नरों की मदद के लिए उनके समाज ने भी पूरे प्रचार में मोर्चा संभाला है। यही नहीं चुनाव प्रचार के लिए प्रदेश के अन्य जिलों के अलावा दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किन्नरों ने भी आकर पांचों विधानसभा क्षेत्रों में घूम-घूमकर वोट मांगे। प्रदेश में किन्नर समुदाय के वोटर 1410 हैं, जो कुल वोटर्स के 1 प्रतिशत के 100वें हिस्से से भी कम होते हैं। चुनावी प्रचार के दौरान इन सभी किन्नर प्रत्याशियों का चुनाव मैदान में उतरने के पीछे जो बड़ी वजह बताई गई है वह है बेरोजगारी की समस्या। प्रदेश की चुनावी राजनीति में किन्नरों की भूमिका इसलिए भी
दिलचस्प है, क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार 1998 में शहडोल जिले की सोहागपुर सीट से शबनम मौसी निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। शहडोल के ही जैसी नगर से इस बार सालू मौसी निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। वहीं अंबाह से निर्दलीय नेहा को सपाक्स ने अपना समर्थन दिया है।
पांचों किन्नर प्रत्याशी निर्दलीय मैदान में
ग्वालियर-चंबल, अंबाह (मुरैना)
नेहा किन्नर, उम्र : 28, निर्दलीय। साक्षर हैं, लेकिन हलफनामे में शिक्षा का ब्योरा नहीं दिया है। 10 लाख रुपए की चल संपत्ति, जिसमें 6.40 लाख रुपए के गहने हैं। 20 लाख रुपए की अचल संपत्ति है।
क्यों लड़ रही हैं चुनाव? हमारा भरण-पोषण जनता करती है, इसलिए उनके लिए कुछ करना है। समाज के विकास का काम करूंगी।
बुंदेलखंड, दमोह
रिहाना सब्बो बुआ, उम्र : 36, निर्दलीय। निरक्षर हैं, लेकिन वॉट्सएप पर सक्रिय। इनके पास सिर्फ 40 हजार रुपए हैं। 2.11 लाख चल संपत्ति हैं। आय का साधन सिर्फ शुकराना मांगना है।
क्यों लड़ रही हैं चुनाव? हम तो जनता के लाने ठाड़े भये हैं। मोडों के लाने रोजगार नाइआ। जीत के सबकी नौकरी लगवा हैं।
विंध्य-महाकौशल, जयसिंह नगर
सालू मौसी, उम्र : 30, निर्दलीय। साक्षर हैं, लेकिन कहां तक पढ़ाई की, नहीं बताया। कुल 4.75 लाख की चल संपत्ति है। 3 लाख नगद है। आय का साधन बधाई, नाचगाकर मनोरंजन करना बताया है।
क्यों लड़ रही हैं चुनाव? बिना रोजगार के विकास किसी काम का नहीं। मैं युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए ही मैदान में हूं।
मध्य क्षेत्र, होशंगाबाद
पंछी देशमुख, उम्र: 44, हिंदू महासभा। अशिक्षित हैं। सालाना आय 1 लाख। आय का साधन बधाई, नाच-गाकर मनोरंजन करना। तीन अलग-अलग बैंक खातों में कुल 10.85 लाख रुपए जमा हैं।
क्यों लड़ रही हैं चुनाव? किन्नरों को नौकरी में आरक्षण की मांग उठाऊंगी, जिससे भीख मांगकर गुजारे की मजबूरी खत्म हो सके।
मालवा-निमाड़, इंदौर-2
बाला वैशवारा, उम्र : 26, निर्दलीय। ईमेल और फेसबुक चलाती हैं। सालाना आय 2.76 लाख रुपए है। थाने में एक अपराध भी दर्ज हैै। 1.94 लाख की चल संपत्ति है। 1 लाख का लोन है।
क्यों लड़ रही हैं चुनाव? मैं समाजसेवा करने चुनावी मैदान में उतरी हूं। महिलाओं और किन्नरों को भी रोजगार दिलाऊंगी।