गणतंत्र दिवस पर पहली बार 10 ASEAN देश के प्रमुखों का जमावड़ा

नई दिल्ली.   भारत ने पहली बार 10 ASEAN देशों के प्रमुखों को बतौर मेहमान गणतंत्र दिवस 2018 के मौके पर बुलाया है। इन देशों में कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम, ब्रूनेई और लाओस शामिल हैं। पहली बार यह भी हो रहा है कि भारत ने गणतंत्र दिवस के मेहमानों को बुलाने में व्यक्तियों की बजाय क्षेत्र को अहमियत दी है। फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि यह भारत की तरफ से सद्भावना और एकजुटता की पहल पर मुहर लगना है। आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन में पीएम मोदी के साथ फोटो सेशन भी कराया।

 

ASEAN क्या है?
– ASEAN का फुल फॉर्म (Association of Southeast Asian Nations) है।
– 10 देश- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम इसके मेंबर हैं।
– इसकी एशियन रीजनल फोरम (एआरएफ) में अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और नॉर्थ कोरिया समेत 27 मेंबर हैं।
– यह ऑर्गनाइजेशन 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में बनाया गया था।
– इसके फाउंडर मेंबर थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे।
– 1994 में आसियान ने एआरएफ बनाया, जिसका मकसद सिक्युरिटी को बढ़ावा देना था।

 

ये हैं रिपब्लिक-डे परेड में बतौर मेहमान शामिल होने वाले प्रमुख नेता
1) आंग सान सू ची: म्यांमार की प्रमुख। दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पढ़ीं। मोदी ने सितंबर 2017 में म्यांमार दौरे के वक्त वहां के रखाइन राज्य में खुशहाली के लिए खास कोशिशें करने का वादा किया था।

2) नुआन जुंग फुक: वियतनाम के प्रधानमंत्री। वियतनाम भारत का अहम डिफेंस पार्टनर, चीन के खिलाफ भारत का मददगार है। पीएम बनने के बाद फुक का पहला भारत दौरा है।

3) रोड्रिगो दुतेर्ते: फिलीपींस के राष्ट्रपति। भारत के साथ मजबूत रिश्तों के हिमायती। बतौर राष्ट्रपति पहली भारत यात्रा। आसियान समिट में मोदी से मिले थे।

4) नजीब रजाक: मलेशिया के प्रधानमंत्री। 2017 में भारत आए थे। दोनों देशों के बीच काफी अच्छे कारोबारी रिश्ते हैं। अप्रैल में ही 36 अरब डॉलर (229 हजार करोड़ रुपए) के करार हुए थे।

5) ली सीन लुंग: सिंगापुर के प्रधानमंत्री। मोदी से काफी अच्छे रिश्ते। साउथ चाइना सी मसले में भारत को आगे बढ़ाता रहा है। मोदी की एक्ट ईस्ट एशिया पॉलिसी के सपोर्टर।

बाकी के आसियान देशो के नेताओ की जानकारी अगली कड़ी मे दी जायेगी।