मंगल भारत सतना – जलवार्धन व अमृत योजना के नाम पर शहरभर के गली-मोहल्ले में मनमानी खुदाई और बिना सही किए गड्ढों को छोड़ देने का मामला कोर्ट पहुंच गया है।
अधिवक्ता राजीव खरे ने मामले को लोकोपयोगी कोर्ट में प्रस्तुत करते हुए प्रमुख सचिव मप्र शासन, कलेक्टर सतना व निगमायुक्त को पक्षकार बनाया है। शिकायत में कहा गया है कि बकायदा टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद शहर में पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया। इसके लिए निगम व ठेका कंपनी के बीच अनुबंध हुआ था। जिसके तहत जिस क्षेत्र में भी खुदाई होनी थी, उसे उसी तरह कर के देना था। यानि RCC सड़क खोदी जा रही है, तो पाइप लाइन बिछाकर पहले की तरह किया जाना चाहिए।
लेकिन ठेका कंपनी इस नियम को दरकिनार कर गई। पूरे शहर में उसने मनमानी पूर्वक गड्ढ़े खोदे और मिट्टी डालकर छोड़ दिया। पहले की तरह सड़क को नहीं किया। जिसके चलते सड़क चलने योग्य नहीं है। इसके लिए मॉनीटरिंग करने वाली संस्थाओं के प्रमुख ही जिम्मेदार है। जिनकी मॉनीटरिंग में
लापरवाही के कारण ऐसा हो रहा है।
समर सिंह