हाल ही में गठित नई विस के नव निर्वाचित सदस्यों
की औसम आयु बीते सदन की तुलना में चार साल अधिक है। खास बात यह है कि इस बार सदन के सबसे बुर्जग विधायक नागेंन्द्र सिंह हैं तो सबसे कम आयु के
विधायक शरद कोल निर्वाचित हुए हैं। इस बार सदन के सदस्यों की औसत आयु 51 साल आ रही है जो की पिछले सदन के सदस्यों से चार साल अधिक है।
पिछली विधानसभा में यह औसत 47 वर्ष था। प्रदेश की 14वीं विधानसभा दिल्ली के बाद सबसे युवा मानी जाती थी। चुनाव की शुरुआत में दोनों ही पार्टियों ने युवा
प्रत्याशियों को तरजीह देने की बात कही थी, लेकिन सूची को अंतिम रूप
देते-देते दोनों ही दलों ने अनुभवी प्रत्याशियों को ही तरजीह दी। हालांकि
इस दौरान युवाओं को मौका देने में कांग्रेस विरोधी दल भाजपा से आगे रही।
30 वर्ष से कम आयु के अधिकांश प्रत्याशी हारे
कांग्रेस और भाजपा ने 30 या इससे कम उम्र के 9 प्रत्याशियों को टिकट दिए
थे, लेकिन वे ज्यादातर प्रत्याशी चुनाव हार गए। केवल तीन प्रत्याशी ही
जीत दर्ज कराने में कामयाब रहे। इसमें 2 भाजपा और एक प्रत्याशी कांग्रेस
का है। ब्योहारी से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले शरद जुगल कोल की
उम्र 28 साल है। वे 15वीं विधानसभा में सबसे युवा विधायक होंगे।
70 से अधिक उम्र वाले सिर्फ तीन जीते
भाजपा-कांग्रेस ने 70 या इससे अधिक उम्र वाले नौ नेताओं को चुनावी मैदान
में उतारा था, लेकिन इसमें से सिर्फ 4 ही जीते। सबसे अधिक उम्र वाले
भाजपा के मोती कश्यप (78) और कांग्रेस के सरताज सिंह (78) चुनाव हार गए।
भाजपा के तीन प्रत्याशी गुढ़ से नागेंद्र सिंह (76), नागौद से नागेंद्र
सिंह (76) और रेगांव से जुगल किशोर बागरी (75) चुनाव जीतने में सफल रहे।
कांग्रेस से केवल एक प्रत्याशी कटंगी से तमलाल रघुजी सहारे (71) ही चुनाव
जीतने में सफल रहे। गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह विधानसभा में सबसे
उम्रदराज जनप्रतिनिधि होंगे। उनकी उम्र 76 वर्ष 1 माह और 25 दिन है।
उच्च शिक्षित सदस्यों की सं या में इजाफा
15वीं विधानसभा में उच्च शिक्षित विधायकों की संख्या में महज 2 सदस्यों
का ही इजाफा हुआ है। पहले ग्रेजुएट और इससे अधिक शिक्षित विधायकों की
संख्या 153 थी, जो अब बढ़कर 155 हो गई है। इनमें 3 पीएचडी, 56
पोस्टग्रेजुएट और 40 प्रोफेशनल ग्रेजुएट हैं। 56 विधायक सिर्फ सामान्य
ग्रेजुएट हैं। 3 विधायक पॉलीटेक्निक डिप्लोमाधारी हैं। यशोधरा राजे
सिंधिया ने अपनी शैक्षणिक योग्यता सीनियर कैंब्रिज (हायर सेकंडरी के
समकक्ष) बताई है। विजयी हुए विधायकों में पीएचडीधारी तीन विधायक हैं। यह
सभी भाजपा के हैं। इनमें डॉ. नरोत्तम मिश्रा, डॉ. अरविंद भदौरिया और डॉ.
मोहन यादव के नाम शामिल हैं।