भोपाल: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ 17 दिसंबर को शपथ लेंगे और उन्हें 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना होगा नहीं तो वो सीएम के पद पर नहीं रह पाएंगे। ने बताया कि विधानसभा का सदस्य बनने के लिये वह अपने घरेलू इलाके छिंदवाड़ा जिले से ही विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे। हालांकि छिंदवाड़ा जिले में वह कौन सी सीट होगी, फिलहाल उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया है। नियमों के
अनुसार उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह माह के अंदर मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक बनना जरुरी है।
छिंदवाड़ा जिले में विधानसभा की सात सीटें हैं । इनमें से चार सीटें अमरवाड़ा एसटी, परासिया एससी , जुन्नारदेव एससी और पान्दुर्ना एसटी: आरक्षित वर्ग के लिये है। कमलनाथ सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखते है इसलिये वह जिले में तीन बची सामान्य सीटों छिंदवाड़ा, सौंसर और चोराई से ही उपचुनाव में प्रत्याशी बन सकते हैं। इस दफा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की सभी सात सीटों पर विजय हासिल की है।
कमलनाथ ने शनिवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘चुनाव प्रचार के दौरान में छिंदवाड़ा क्षेत्र में केवल डेढ़ दिन ही प्रचार करने जा सका। हम सब सीटें जीते हैं। छिंदवाड़ा जिले में सात सीटें हैं उनमें से केवल तीन अनारक्षित हैं। मैंने उनसे पार्टी कार्यकर्ताओं कहा था, जहां सबसे ज्यादा वोटों से जीतगें वहां से मैं लडूंगा।’’
संयोग से छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस सौंसर विधानसभा सीट से सबसे अधिक 20,742 मतों के अंतर से जीती है और सौंसर विधानसभा क्षेत्र में ही कमलनाथ का निवास है और वह इसी विधानसभा क्षेत्र के मतदाता भी हैं। छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद कमलनाथ बृहस्पतिवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने गये। इसके बाद कमलनाथ और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में मुलाकात कर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस पर राज्यपाल ने नाथ को प्रदेश में सरकार बनाने के लिये आमंत्रित किया। कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के पद की शपथ सोमवार 17 दिसंबर को दोपहर डेढ़ बजे ग्रहण करेंगे।