सूबे के नए मुखिया बने कमलनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के पहले ही एक्शन-मोड में आ गए हैं। उन्होंने शपथ लेने से पहले ही मुख्य सचिव बीपी सिंह को अपनी प्राथमिकता बता दी है। इस एजेंडे में उन्होंने किसान, हिन्दुत्व, रोजगार और महिलाओं को प्र्रमुखता पर रखने को कहा है। माना जा रहा है कि श्री नाथ की पहली बैठक मे इन चारों विषयों पर ही चर्चा कर कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। यही वजह है कि अवकाश के बाद भी मुख्य सचिव बीपी सिंह ने शनिवार को बैठक कर चारों विषयों पर प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कराई गई है। यही नहीं इस दौरान विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ कांग्रेस के वचन-पत्र के आधार पर रोडमैप तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। दरअसल कमलनाथ का पहला फोकस पार्टी के वचन-पत्र को पूरा करने पर है। इसमें दस दिन में किसानों की कर्ज माफी का बिंदु भी शामिल है। कमलनाथ अपनी पहली ही बैठक से प्रदेश की जनता में यह संदेश देने के प्रयास में हैं कि कांग्रेस केवल वादा नहीं करती, बल्कि उसे पूरा भी करती है। दरअसल यह परी कवायद अब लोकसभा चुनाव के हिसाब से की जा रही है।
किसान –
इस वर्ग के लिए वचन-पत्र में दस दिन में कर्जमाफी का वादा था। कमलनाथ पहली ही बैठक में इसका फैसला करने की तैयार मे हैं। शनिवार को 40 लाख किसानों के कर्ज का पूरा डाटा देखा। इसमें दो लाख तक के कर्ज वाले किसानों का डाटा तैयार किया गया। कृषि विभाग ने मुख्य सचिव के प्रेजेंटेशन दिया। इस वादे को पूरा कर कमलनाथ अहम वोटर को साध लेंगे।
हिन्दुत्व –
इस एजेंडे में कमलनाथ ने ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला खोलना तय है। साफ्ट हिन्दुत्व की राह पर कदम बढ़ाने के लिए वादे को तुरंत पूरा किया जाएगा। इसी की तैयारियों में ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला के बजट, इंतजाम और उसके मापदंड पर चर्चा की गई। पहले 3 महीने में ही इन गौशालाओं को स्थापित करने का लक्ष्य रखा जा सकता है।
रोजगार –
तीसरा एजेंडा रोजगार का है, क्योंकि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा मॉडल में भी उद्योग लगाकर रोजगार दिए थे। कमलनाथ ने मुख्य सचिव से उद्योग की स्थिति पूछी थी, तब मुख्य सचिव ने आईटी पार्क और गारमेंट्स पार्क के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में होना बताया था। इस पर कमलनाथ ने भोपाल, इंदौर और जबलुपर में गारमेंट्स पार्क को प्राथमिकता पर रखा है।
महिला –
वोटबैंक के नजरिए से महिला बड़ा वर्ग है। इसलिए कन्या विवाह राशि को बढ़ाकर इस वर्ग को तुरंत साधना चाहते हैं। वचन-पत्र में कन्या विवाह की राशि को 30 हजार से बढ़ाकर 51 हजार करने का वादा था। कमलनाथ इस वादे को जल्द पूरा करना चाहते हैं। महिला सशक्तिकरण को लेकर दूसरी घोषणाओं को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया।