शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने की जद्दोजहद में जुटी सरकार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से न्यायालय में लगी रोक हटने के बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने के लिए निर्देशित किया है। विभाग द्वारा पूर्व में शुरू की गई ऑनलाइन प्रणाली में
52000 आवेदकों ने अपनी च्वाइस फिलिंग कर ज्वाइन कर लिया था, अब शेष लगभग 25 हजार अतिथियों को भी ज्वाइन कराया जा रहा है। न्यायालय प्रक्रिया को सही मानते हुए 11 अक्टूबर को आदेश जारी किए थे।
52 हजार से ज्यादा आवेदन आए
शैक्षणिक सत्र 2018-19 में स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था के लिए एनआईसी के सहयोग से ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए थे। इसमें 52 हजार से अधिक आवेदकों ने अपनी च्वाइस के अनुसार चिन्हित स्कूलों में अपनी उपस्थिति दी थी। इस बीच पुराने अतिथि शिक्षक न्यायालय चले गए थे जिस पर स्थगन मिल गया था, इसके चलते प्रथम चरण पूर्ण होने के बाद न्यायालय के आदेश से आगामी कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। अब मामले में सुनवाई के बाद न्यायालय ने विभाग की प्रक्रिया को सही माना है और 11 अक्टूबर को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इसी आधार पर डीपीआई ने आदेश जारी करते हुए उन आवेदकों के लिए जिन्होंने दो विकासखंड व 1 जिले की च्वाइस फिलिंग में भाग ही नहीं लिया है। उन्हें सत्यापनकर्ता संकुल के विकासखंड को प्राथमिकता देकर खाली पदों के अनुसार नियुक्ति दी गई है। इसका पैनल जनरेट कर दिया गया है। इन आवेदकों को 20 सितंबर तक स्कूलों में उपस्थिति देना अनिवार्य है इसके लिए डीपीआई द्वारा शिक्षकों को एसएमएस से भी सूचना दी जा रही है।
25 दिसंबर तक नियुक्ति संभव
ऐसे आवेदक जो पोर्टल में पंजीकृत नहीं हैं उनके आवेदन समस्त अंकसूचियों के साथ 25 दिसंबर तक स्कूल द्वारा प्राप्त किए जा सकेंगे। इस प्रकार प्राप्त किए आवेदनों में संस्था प्रमुख द्वारा मैरिट के आधार पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसकी सूची का प्रकाशन कर आवेदकों को 25 दिसंबर तक पढ़ाने के लिए बुलाया जाएगा।