संविदा के नाम पर खजाने पर आएगा 12000 करोड़ का भार

15 साल का वनवास काट कर सत्ता में आई कांग्रेस को वचन पत्र में शामिल एक घोषणा को पूरा करने के लिए करीब 12 हजार करोड़ रुपए का भार खजाने पर डालना होगा। घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कर्मचारियों-पेंशनर्स की 57 मांगें शामिल की हैं। इसमें कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती 1.84 लाख संविदा कर्मचारियों, स्थाई कर्मियों को स्थाई करना है। सिर्फ इन कर्मचारियों को नियमित करने पर ही सरकार पर हर महीने करीब 2 अरब से ज्यादा का भार आएगा। यह तभी हो सकेगा, जब सरकार फंड के लिए नई व्यवस्था करे। इसके लिए सबसे जरूरी है, नई

सरकार लीकेज यानी कर चोरी रोकने पर फोकस करे। इतना ही नहीं सरकारी आयोजनों-उत्सवों पर होने वाले खर्च में कटौती भी करना होगा।
वचन पत्र में इन कैडर्स के कर्मचारियों को किया गया है शामिल
संविदा कर्मचारी, दैनिक वेतन भोगी, स्टेनोग्राफर्स, शिक्षक, अनुदेशक- पर्यवेक्षक, वन कर्मी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता- सहायिकाएं, सफाई कर्मी, निगम- मंडल कर्मचारी, लेखापाल, लिपिक, स्टाफ नर्स, जन स्वास्थ्य रक्षक, अतिथि शिक्षक, प्रेरक शिक्षक, कार्यभारित कर्मचारी, सहकारी कर्मचारी, डिप्लोमा इंजीनियर्स, मंत्रालयीन कर्मचारी, कोटवार, पंचायत सचिव, जन स्वास्थ्य रक्षक आदि प्रमुख हैं।
ये हैं खास वादे
– 1 जवनरी 2005 से बंद की गई परिवार पेंशन योजना फिर शुरू की जाएगी।
– संविदा कर्मचारियों की वरिष्ठता तय कर नियमित वेतन देने, समयमान वेतनमान, प्रमोशन देंगे व पेंशन की नीति बनाई जाएगी।
– अध्यापक संवर्ग के लिए 1994 का डाइंग कैडर फिर जीवित किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग की सभी सेवा शर्ते लागू की जाएंगी।
– सेवाकाल औसतन 32 साल के मान से 8 साल से चार स्तरीय वेतनमान दिया जाएगा।
– शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने, समयमान वेतनमान देने के लिए वेतन आयोग बनाएंगे।
– आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 2000 रुपए बोनस दिया जाएगा।
– लिपिकों को शिक्षकों के समान वेतन ग्रेड पे देंगे।
– अनुकंपा नियुक्ति के प्रचलित निमयों को सरल बनाकर सात साल के बंधन को खत्म करेंगे। लंबित प्रकरणों के निपटारे के लिए मुहिम चलाएंगे।
– पेंशनर्स की पेंशन विसंगति दूर करेंगे। 27 महीने का एरियर 4 किस्तों में देंगे। परिवार पेंशनधारियों के लिए 80 की जगह 70 साल की उम्र में पेेंशन रिवाइज करेंगे।
संविदा कर्मचारियों का वेतन हो जाएगा 14 हजार रुपए
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि सरकार ने संविदा कर्मचारियों को रेगुलर किया तो एक संविदा कर्मचारी का मासिक वेतन 10 से 14 हजार रुपए तक बढ़ेगा। यदि एक कर्मचारी का वेतन 10 हजार रुपए भी बढ़े तो 1.84 लाख कर्मचारियों के लिए सरकार पर एक महीने का 1.84 अरब रुपए का भार आएगा।