नसबंदी के नाम पर खुलेआम लूट, आए दिन नसबंदी करवाने वाले लोगों की संख्या में कमी आखिर क्यों?
आखिर कौन पचा जाता है लाने ले जाने के लिए आवंटित की जाने वाली राशि?
आखिर किसके जेबों में जा रही राशि?
मंगल भारत चुरहट,
अगर यही रवैया रहा तो वह दिन दूर नहीं जब लोग एक भी नसबंदी नहीं करायेगे यह हाल चुरहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है
मिली जानकारी के अनुसार चुरहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हर शनिवार को नसबंदी का ऑपरेशन किया जाता है यह ऑपरेशन विगत दो-तीन वर्षो से चलता आ रहा है लेकिन इस ऑपरेशन में खुले आम जनता से लूट खसोटकी जाती है ऑपरेशन के नाम पर पहले तो बहुत कुछ बताया जाता है की बहुत अच्छे से ऑपरेशन किया जाएगा घर से अस्पताल ले आया जाएगा ऑपरेशन के बाद उसे घर तक पहुंचाया जाएगा लेकिन ऑपरेशन हो जाने के बाद उन मरीजों को लावारिस की तरह छोड़ दिया जाता है ऑपरेशन के बाद यह देखने वाला कोई नहीं रहता कि इन्हें अब घर किस तरह पहुंचाया जाए बेचारे गरीब मरीज अपनों से चंदा करके घर जाया जाता है जो कि शासन का नियम है मरीज को घर पहुंचाने का उसका अलग से शासन पेमेंट भी देती है पर वह पेमेंट कहां जाता है इसकी किसी को जानकारी नहीं सबसे बड़ी सोचनीय बात यह है कि विगत तीन-चार सालों से शासन से जो पैसा आता था वआता है वह कहां जाता है किसकी जेब गर्म हो रही है यह बताने वाला कोई नहीं है पूर्ण बातें बताकर मरीज को ले आना फिर इसके बाद धोखाधड़ी कर मुकर जाना यह न्याय से परे यहां के जनता व मरीजों की माग है कि आज तक जितना पैसा जिसके द्वारा खाया गया है उसकी जांच वह उससे रिकवरी कराई जाए जिससे एक जनमानस में संदेशा फैले कि अब ऐसा नहीं हो रहा है अगर नहीं किया गया वह ऐसा होता ही रहा तो वह दिन दूर नहीं जब एक भी लोग नसबंदी कराने को तैयार नहीं होंगे