सबसे ज्यादा खींचतान अजय सिंह के नाम पर मंत्री या प्रदेश अध्यक्ष पद की दावेदारी, 25 दिसंबर को राजस्थान में होगा सरकार के मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह

5 हारे दिग्गजों को मिलेगा बड़ा पद, मंत्रिमंडल के बाहर होगा पुनर्वास

सबसे ज्यादा खींचतान अजय सिंह के नाम पर मंत्री या प्रदेश अध्यक्ष पद की दावेदारी

मंगल भारत भोपाल, सलाहकार संपादक बलराम पांडेय

प्रदेश मंत्री मंडल का फैसला हो गया है लेकिन इसमें हारे दिग्गजों का मंत्री पद मिलने की उम्मीद कम हो गई है कमलनाथ के मंत्रियों की शपथ 25 दिसंबर को होगी इसके बाद के हारे  दिग्गजों  के पुनर्वास का सिलसिला शुरू होगा इसमें सबसे ज्यादा मुश्किल अजय सिंह के पुनर्वास को लेकर आया क्योंकि उनके राजनीतिक कद के हिसाब से पद देना होगा हारने के बावजूद मंत्री बनाने के लिए केवल अजय सिंह का ही नाम है उनके लिए कई विधायकों ने छोड़ने की पेशकश की थी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को भी बड़ा पद दिया जा सकता है पार्टी की नजर में अरुण ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कड़ी टक्कर दी है मुख्य रूप से अजय सिंह अरुण यादव सुरेश पचौरी राजेंद्र सिंह और रामनिवास रावत को लेकर पार्टी के सामने निर्णय की दिक्कत है

जानिए किस नेता के लिए क्या समीकरण है

अजय सिंह राहुल-

अजय सिंह का नाम मंत्री पद के लिए चर्चा में है प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी उनकी दावेदारी है दोनों पदों के लिए कॉल ना तो दिग्विजय सिंह का रवैया सकारात्मक एवं आशीर्वाद के रूप में प्राप्त हो रहा है

अजय सिंह राहुल के खेमे से मंत्री बनाने के लिए 2 लोगों का नाम सामने आया

बिसाहू लाल सिंह,नीलांशु चतुर्वेदी

अरुण यादव-

यादव ने शिवराज को कड़ी टक्कर दी है शनिवार को राहुल गांधी से अरुण की मुलाकात हुई है भाई सचिन यादव मंत्री बन सकते हैं इसलिए उनके लिए भी सांसद या दूसरे पर की संभावना बन रही है

सुरेश पचौरी-

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी दूसरी बार भोजपुर से चुनाव हार गए हैं अलग ही राजनीतिक कद के हिसाब से उन्हें बेहतर पद दिया जा सकता है फिलहाल पार्टी अजय सिंह करोड़ों के पदों को लेकर उलझन में फंसी हुई है

राजेंद्र सिंह-

अमरपाटन चुनाव हारे राजेंद्र सिंह का नाम योजना आयोग के उपाध्यक्ष के लिए चर्चा में लेकिन अभी फैसला नहीं हुआ है मंत्रिमंडल गठन पर ही पूरा मामला सुलझ सकता है

इधर शपथ पर भीड़ का दबाव

शपथ को लेकर सरकार कांग्रेश और राम भवन भीड़ प्रबंधन को लेकर उलझन में है 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में आई है इसलिए भीड़ होना है राजभवन में जहां शपथ समारोह होता है वहां प्रांगण में 5000 लोगों की जगह है जबकि सरकार व पार्टी का अनुमान है कि 35000 से ज्यादा लोग समारोह में आ सकते हैं ऐसे में अभी से पार्टी पर प्रवेश पत्र को लेकर दबाव बन रहा है