सऊदी अरब ने दी अमेरिका को धमकी, कहा- हमारे पैसों पर पलने वाला हमको ही आँख दिख रहा है

अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्तों की बीच दरार देखने को मिल रही है जो बढ़ती हुई नजर आ रही है. जबकि पिछले कुछ समय से दोनों देशों के रिश्तें काफी मधुर होते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन अब यह मधुरता घटती हुई दिख रही हैं. वहीं सीनेट का एक प्रस्ताव दोनों देशों के संबंधों की दरार को और गहरा भी कर सकता हैं. दरअसल सऊदी ने सीनेट के एक प्रस्ताव को अपने आन्तरिक मामलों में दखल करार दिया है. सऊदी ने सीनेट के प्रस्ताव पारित करने पर नाराजगी जाहिर की हैं.

यमन में सऊदी के नेतृत्व में चल रहे युद्ध के संबंध में और सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान को हाल ही में मा$रे गए पत्रकार जमाल खशोगी की मौ#त का जिम्मेदार बताने वाला प्रस्ताव अमेरिकी सीनेट में पारित किया गया है जिसे सऊदी हस्तक्षेप करार दिया है.

सऊदी ने कहा कि यह प्रस्ताव दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. गुरुवार को सीनेट ने रियाद के नेतृत्व में चल रहे युद्ध से अमेरिकी समर्थन वापस लेने और जमाल की ह$त्या के लिए वली अहद को जिम्मेदार बताने वाले प्रस्ताव को पारित कर दिया है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस सांकेतिक मतदान के द्वारा चेतावनी दी गई है. ट्रंप ने खशोगी मामले के बाद भी सऊदी का साथ नहीं छोड़ने की बात कही थी. सऊदी विदेश मंत्रालय द्वारा प्रेस एजेंसी में जारी बयान में कहा कि सल्तनत अमेरिकी सीनेट के इस रुख की आलोचना करती है.

क्योंकि वह रुख अपुष्ट आरोपों पर आधारित है और सऊदी के आंतरिक मामलों में उसके हस्तक्षेप की कड़ी निंदा करती है. यमन युद्ध से समर्थन वापस लेने को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी और सहयोगियों के 49 तथा रिपब्लिकनों के 7 वोट पक्ष में पड़े जबकि 3 रिपब्लिकन इस दौरान अनुपस्थित रहे.