यूरिया के बाद एमपी में अब बिजली संकट, पावर प्लांट्स में कोयले की कमी!

प्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों को चलाने के लिए सिर्फ एक से दो दिन का कोयला बचा है. ऐसे में आने वाले दिनों में बिजली संकट खड़ा होने के आसार बन गए हैं.

मध्य प्रदेश में खाद के बाद बिजली की किल्लत खड़ी हो सकती है. प्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों को चलाने के लिए सिर्फ एक से दो दिन का कोयला बचा है. ऐसे में आने वाले दिनों में बिजली संकट खड़ा होने के आसार बन गए हैं.

दरअसल, किसानों तक खाद पहुंचाने की मुहिम में जुटी कमलनाथ सरकार के सामने अब बिजली का संकट खड़ा होता दिख रहा है. कोयले की कमी के कारण पावर प्लांट में बिजली उत्पादन प्रभावित होने के आसार बन गए हैं. ज्यादातर थर्मल पावर प्लांट में सिर्फ एक से दो दिन का कोयला बचा है.

बीजेपी इसके पीछे कांग्रेस सरकार की प्रशासनिक क्षमता पर सवाल खड़े कर रही है. वहीं कांग्रेस ने खाद के बाद बिजली के लिए जरुरी कोयला नहीं मिलने पर केंद्र सरकार पर भेदभाव की राजनीति का आरोप लगाया है.।

गौरतलब है कि रबी सीजन में बिजली की मांग तेरह हजार मेगावाट के आसपास आ रही है. इसी लगातार आपूर्ति का दावा भी बिजली कंपनियां कर रही हैं लेकिन यदि थर्मल पावर प्लांटों को कोयला नहीं मिला तो तय है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में बड़ा बिजली संकट खड़ा हो जाएगा.

कोयले के स्टार पर नजर डालें तो,