सीधी।भुमका एवं गोतरा रेत खदान में अवैध उत्खनन जोरों पर, नियमों को ताक में रख कर किया जा रहा अवैध उत्खनन

*टिकरी के भूमिका,एबम गोतरा में नियमों को ताक में रखकर किया जा रहा अवैध उत्खनन।*

*जिला प्रशासन बना अंजान।*
मड़वास।

सरकार बदल गई लेकिन अंदर की व्यवस्था वैसे की वैसे ही रह गई है, जो नियम और कानून का पाठ पढ़ाते हैं वही मोटी रकम वसूलने की फिराक में अवैध उत्खनन करवाते हैं,।

सीधी जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूरी में टिकरी के भूमिका और 50 किलोमीटर की दूरी पर गोतरा की रेत खदानें हैं, जहां पिछली सरकार से लेकर अवैध उत्खनन जारी है क्योंकि जिम्मेदार अफसर मोटी कमीशन के चक्कर में रहते हैं बताते चलें कि एनजीटी के नियमों को धज्जियां उड़ाते हुए रात भर पोकलैंड मशीन चलाते हैं और तो और हद तब हो गई जब नदी की धार मोड़ कर अवैध तरीके से सड़क बना दी गई, तो वही भूमिका रेत खदान में पिछले कार्रवाई की जब्ती मशीनें रात भर खदानों में चलती है और सुबह आकर अपनी जगह पर खड़े हो जाती हैं ऐसा भी नहीं है कि प्रशासन के अधिकारियों को जानकारी ना हो लेकिन अनदेखा करते हुए आराम से कमीशन के चक्कर में लगे रहते हैं, *जबकि एनजीटी का सख्त निर्देश है कि खदानों के अंदर बड़े वाहन जैसे हाईवा या इससे बड़ी वाहन नहीं जा सकते हैं नाही किसी भी प्रकार की जेसीबी पोकलैंड मशीन लगाई जा सकती है क्योंकि इससे नदी में जीव जंतु मर जाते हैं,*

इसका सबसे बड़ा रीजन यह भी माना जाता है कोई भी विभाग हो, छोटे रैंक का अधिकारी हो या बड़ा जो भी आसपास के इलाके में लंबे समय से पदस्थ है वह कानून-व्यवस्था छोड़ कर मालामाल होने के लिए सारा नियम कानून ताक में रख देता है, जिसमें चौकी प्रभारियों पर भी आरोप लग चुका है,

*सफेद पोसो का संरक्षण*

सफेद पोसो के संरक्षण में काम कर रहे विभागों में सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चौकी प्रभारी के मुंह से यह भी सुना गया है कि फ्री का पैसा मिलता है लिए रहो क्या करना है कार्यवाही करके क्या मिल जाएगा,