विशाल कुशवाहा सम्मेलन सम्पन्न –
हजारों की संख्या में उपस्थित स्वजातीय बंधुओं को संबोधित करते हुये कहा कि आज हमारा समाज खेतिहर मजदूर किसान है हमारी पहली और दूसरी पीढी कुछ हद तक शिक्षित हो पायी है। शिक्षा और आर्थिक संसाधनों पर पूरी तरह ध्यान लगाना होगा तभी हम विकास की कडी में जुड कर देश में अपना योगदान दे पायेगे। क्योंकि आज हमें कोई ऊपर ला सकता है तो वह शिक्षा है। उन्होने आगे कहा कि हमारे समाज का इतिहास गौरव शाली रहा है हमारे पूर्वज अखण्ड भारत के निर्माता रहे है। जिनका शासन पश्चिम में हिन्दु कुश पर्वत एवं पूर्व में म्यामार तक रहा है। यही नही रीवा रियासत की स्थापना करने वाले पहले शासक भी मौर्य वंश से थे। हमें अपने इतिहास को ध्यान रखते हुये इस विकास में कदम से कदम मिलाकर आगे बढना होगा तभी समाज का सम्पूर्ण विकास हो पायेगा। इससे पहले आयोजित विशाल कुशवाहा सम्मेलन में उपस्थित में अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरूआत तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवल कर के किया गया। आयोजित कार्यक्रम की प्रस्तावना युवा समाज सेवी अधिवक्ता शिव कुशवाह ने रखी जिसमें उन्होने ने कार्यक्रम के आयोजन के पीछे मकसद सामाजिक दशा व दिशा तथा आवे बढने की चुनौती पर विस्तार से चर्चा की । तत्पश्चात कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित वरिष्ठ समाज सेवी प्रभात वर्मा एवं जिला पंचायत सदस्य शहडोल रामप्रताप कुशवाहा ने समाज के प्राचीन गौरव शाली मौर्य शासन के 10 बंशजों तक के राज्य के बारे में इतिहास बताया एवं उससे प्रेरणा लेकर आगे बढने का आव्हान किया। कार्यक्रम को शिवकान्त कुशवाहा, रामविकास कुशवाहा गंगा प्रसाद वर्मा, नवल कुशवाहा, रामकुमार कुशवाहा ने संबोधित कर समाज को शिक्षा का अलख जगाकर आगे बढने का आव्हान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रीवा के वरिष्ठ समाज सेवी राजन वर्मा ने समाज में एक जुटता के साथ खडे होने एवं हक न्याय अत्याचार के लिये मिल जुल कर अपने समाज के अलावा अन्य शोशित पीडित समाज के साथ खडे होने की बात कही। ताकि पूरा समाज संगठित होकर भय मुक्त वातातरण में जी सके।
कार्यक्रम के आयोजक रधुवीर प्रसाद कुशवाहा ने आये हुये समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया और पूरे मझौली ब्लाक से शामिल सजातीय बंधुओं को धन्यवाद दिया इस कार्यक्रम में बडी संख्या में महिलाओं ने भी भाग लिया। संचालन सत्यभान कुशवाहा ने किया,कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संतोष कुशवाहा, संदीप कुशवाहा, प्रभात कुशवाहा, इन्द्रपाल कुशवाहा, सूर्यबली कुशवाहा, विजय कुशवाहा बाबूलाल कुशवाहा, छोटेलाल कुशवाहा, पुष्पराज कुशवाह, प्रिन्स कुशवाहा, शेर बहादुर कुशवाहा शिवम कुशवाहा, द्वारिका कुशवाहा, लाल बाबू, पवन कुशवाहा, महेन्द्र कुशवाहा सत्यम कुशवाहा, राम सुन्दर कुशवाहा, लाल बहादुर कुशवाहा, रहीस कुशवाहा, राम सुशील, सुरेश, चन्द्रमणि,की भूमिका महत्वपूर्ण रही।