वही ढॉक के पात, न निजी न सरकारी नौकरी

सरकारी नौकरी

भोपाल/मनीष द्विवेदी/मंगल भारत। मप्र ऐसा राज्य है

जिसमें बीते दो साल की अवधि में किसी भी युवा को एक भी सरकारी नौकरी नसीब नही हुई है। यह स्थिति प्रदेश में तब है जबकि लगभग हर विभाग में हजारों पद खाली पड़े हुए हैं और बेरोजगारों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। खास बात यह है कि इस अवधि में प्रदेश सरकार द्वारा निजी क्षैत्र में नौकरी के लिए किए जा रहे प्रयास भी नकाफी साबित बने हुए हैं। इसकी वजह से वही ढाक के तीन पात वाली स्थिति बनी हुई है। बात शहरों के अलावा ग्रामीण इलाकों भी करें तो बड़ी-बड़ी डिग्रीयां लेने के बाद भी युवा या तो बेरोजगार घूम रहे हैं या फिर बेहद निचले स्तर की प्रायवेट नौकरी करने को मजबूर हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में तो बेरोजगारों को चाय पान तक की दूकानें खोलने को मजबूर होना पड़ रहा है। रायसेन जिले की सेमरी निवासी एक युवती ने बीकॉम की डिग्री ली ।  सरकारी नौकरी पाने के लिए लगातार प्रयास करने के बाद भी उसे अब तक एक अदद नौकरी तक नहीं मिल सकी है। इसी तरह से देवास जिले के निवासी देवेन्द्र सिंह का कहना है कि बीए और आईटीआई करने के बाद भी उन्हें सरकारी नौकरी तो दूर प्राइवेट क्षेत्र में भी काम नहीं मिल रहा है। डिंडोरी के रमेश कुमार ने एमकॉम किया और सरकारी नौकरी पाने के लिए काफी हाथ-पैर मार चुके हैं। अब वे एक कंपनी में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहे हैं। यह हाल इन्ही युवाओं की नहीं बल्कि प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत 30 लाख बेरोजगार नौकरी पाने की लाइन में खड़े हैं। सरकार हर साल बैकलॉग के पद भरने के लिए विशेष अभियान भी चला रही है। कोरोना की वजह से दो सालों से पीईबी द्वारा भी परीक्षाएं आयोजित नहीं की गई। बीच-बीच में कुछ परीक्षाएं कराई गई, लेकिन सरकारी नौकरी पाने वालों की संख्या गिनती की ही रहती है। जबकि परीक्षा देने वालों की संख्या हजारों और लाखों में रहती है, जिसके  कारण प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। रोजगार एवं कौशल विभाग के अनुसार, वर्ष 2020-21 में मप्र में 14, 44,547 शिक्षित युवाओं ने अपने पंजीयन रोजगारकार्यालयों में कराया है। इसी तरह वर्ष 2021-22 में 31 नवंबर तक एक लाख 99,344 युवाओं ने पंजीयन कराया। सरकार का फोकस भी सरकारी नौकरी के स्थान पर बेरोजगारों को प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी लगवाने का है।
दो साल में दिए ऑफर लेटर
सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में 80,717 युवाओं को प्राइवेट कंपनियों तथा उद्योगों के माध्यम से ऑफर लेटर दिए गए हैं। वर्ष 2021-22 में 61,199 युवाओं को ऑफर दिए गए, लेकिन इनमें से 50 से 60 फीसदी को ही प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी मिल सकी। यानि बीते 2 सालों में 1 भी युवा को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकी है।
कुछ लोग ही कर पाते हैं नौकरी
सरकार ने रोजगार मेलों के जरिए प्रदेश में युवाओं को प्राइवेट क्षेत्र से ऑफर लेटर दिलवाए हैं। मैंने अपनी फैक्ट्री में भी कुछ लोगों को रखा है, लेकिन इनमें से बाकी लोग काम कर हैं और इक्का-दुक्का अन्य स्थानों से अच्छे ऑफर मिलने की वजह से चले गए हैं।
-राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष, मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया
नौकरी की तलाश में परेशान हूं
मंडीदीप में कई सालों से विभिन्न उद्योगों में काम रहा हूं, लेकिन अब तक सरकारी नौकरी नहीं मिली है। छोटे वेतन में परिवार चलाना मुश्किल है। आदिवासी होने के बाद भी सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है।
-नरेंद्र राव, मंडीदीप
मंत्री ने दी यह जानकारी
वर्ष 2020-21 में प्रदेश भर में 80 हजार और 2021-22 में 61 हजार युवाओं को प्राइवेट क्षेत्र में ऑफर लेटर दिए गए हैं।
-यशोधरा राजे सिंधिया, मंत्री, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास