शिव के तेवरों से बंधी घिग्घी, हुए निरुत्तर

  • भ्रष्टाचार व मैदानी दौरों में लापरवाही पर बरसे मुख्यमंत्री.
  • भोपाल/मंगल भारत। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नए साल में पहली बार प्रदेश के आला अफसरों से  तीखे तेवरों के साथ मिल रहे हैं। उनके द्वारा इस दौरान अफसरों से जैसे ही भ्रष्टाचार, मैदानी दौरों, रात्रि विश्राम सहित कई ऐसे प्रश्न पूछे गए कि अफसरों की घिग्घी बंध गई। मौका था विभिन्न विभागों की समीक्षा का। इस दौरान सीएम द्वारा सामान्य प्रशासन, गृह, जेल, खेल, वित्त समेत आधा दर्जन से अधिक विभागों के कामकाज की समीक्षा की गई। उनके द्वारा अफसरों से पूछ गया की वे मैदानी दोरों पर कितने जाते हैं।
    उनके रात्रि विश्राम का क्या हुआ, इसकी डायरी मेंटेन होती है या नहीं, वरिष्ठ अफसर उसे चैक करते हैं या नहीं। जैसे ही उनके द्वारा पूछा गया कि बताइए… कौन-कौन कलेक्टर-कमिश्नर और मैदानी अधिकारी क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, अग्रिम दौरा डायरी भेज रहे हैं, इसके बाद तो अफसर बगलें झांकने को मजबूर हो गए। इसके बाद सीएम ने गांवों में रात्रि विश्राम करने वाले अधिकारियों की जानकारी मांगी तो भी अधिकारी कोई उत्तर नहीं दे सके। मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिए कि मैदानी अधिकारी गांवों में रात्रि विश्राम अवश्य करें और महीने की शुरुआत में मुख्य सचिव को अग्रिम दौरा डायरी भेजें।  सीएम ने कहा कि विभाग का डिजिटाइजेशन जल्दी हो। उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में जो भी निर्देश दिए गए हैं उनकी एक माह बाद समीक्षा की जाएगी। उन्होंने भ्रष्टाचार के मामलों में चल रही जांच में देरी पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि कई अधिकारी तो इसी में लगे रहते हैं कि जांच टल जाए, रुक जाए, देरी हो जाए, अधिकारी रिटायर हो जाए। यह सब अब नहीं चलने वाला है। जांच समय पर पूरी हो और उचित कार्रवाई हो। दरअसल इन सभी मामलों में पहले भी कई बार निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन आरामतलब हो चुकी अफसरशाही अपने आलीशान चेंबरों से बाहर निकलने को तैयार ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में जहां भी बेहतर प्रबंधन होता है, उससे सीख लें।
    बजट निर्माण का काम शुरू होगा, हमें लोगों से सुझाव आमंत्रित करने की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। हमें लोगों की बात सुननी चाहिए और जो अच्छे सुझाव हों, उन पर अमल हो। वित्त मंत्री अलग-अलग वर्गों से बातचीत करें। जनता को ऑनलाइन सुझाव देने की सुविधा दें। एक समय सीमा दे दें, विचार करें, फिर चर्चा कर उन पर अमल करें। सारे पावर एक जगह केंद्रित होते हैं, तो काम सही नहीं होता। हमें कोई भी काम होने में देरी रोकना है। वाणिज्यिक कर विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, किसी भी सूरत में अवैध शराब का कारोबार नहीं होना चाहिए। राजस्व कहां से कम और ज्यादा  मिल रहा है, उन क्षेत्रों को चिह्नित करें। राजस्व
    बढ़ाना है, इसके लिए कार्ययोजना बनाएं। कर संबंधी विवादों का समाधान समयसीमा में किया जाए।
    प्रशासनिक कसावट और सुशासन का प्रयास
    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रशासनिक कसावट और सुशासन के लिए नए साल की शुरुआत पांच दिन तक चलने वाली मैराथन बैठकों के साथ की है। पहले दिन सोमवार को उन्होंने नौ विभागों की समीक्षा की। यह सिलसिला सात जनवरी तक जारी रहने वाला है। मुख्यमंत्री इसके जरिए प्रदेश में प्रशासनिक कसावट लाने के साथ ही सुशासन को भी प्रभावी बनाना चाहते हैं। गुड गवर्नेंस को बनाए रखने के साथ ही उनकी नजर कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों और आर्थिक चुनौतियों के बीच प्रदेश का संतुलित बजट बनाने पर भी है। मुख्यमंत्री ने नए साल में सुशासन के लिए सभी विभागों की कार्ययोजना बनाकर काम करने का निर्णय लिया है। इसके तहत कुछ सूत्र भी तय किए हैं। इनमें समय पर सेवाओं की उपलब्धता पर सर्वाधिक फोकस रहेगा। इसके लिए चिह्नित सेवाएं निश्चित समयसीमा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रभारी मंत्री और अधिकारी, जिलों का दौरा करें और समीक्षा बैठक करके एक-एक योजना की जानकारी लेंगे। स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता के साथ हो। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के साथ राजस्व जुटाने के नए विकल्प भी तलाशे जाएंगे। विभागों को वित्तीय संसाधन की व्यवस्था करने के लिए कहा है।
    अफसरों से पूछे गए इस तरह के सवाल…
    बैठक में इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा अलग-अलग अफसरों से उनके विभागों से संबंधित कई सवाल पूछे गए। इनमें नेचर टूरिज्म पर क्या किया, पैसा-कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर क्या रणनीति है, नेशनल पार्क एवं अन्य वनों की ट्रैकिंग की क्या योजना है, अवैध शराब की बिक्री रोकने क्या प्रयास हैं, जीएसटी के दायरे वाले छोटे व्यवसायी समय से आईटी रिटर्न करें, इसे लेकर उनमें कैसे जागरूकता लाई जा सकती है, मंत्रालय में लंबित फाइल का पता करने का क्या सिस्टम है और औसतन फाइल कितने दिन में पूरी हो जाती है। विभागों के पीएस, एसीएस, एचओडी अपने मातहतों की अलमारी चेक कर रहे हैं या यह प्रथा बंद कर दी गई है। पीपीपी के प्रोजेक्ट्स को लॉन्च करने की क्या योजना है।
    सीईओ के निलंबन के निर्देश दिएमुख्यमंत्री ने श्रम विभाग की समीक्षा बैठक के बीच कलेक्टर विदिशा को फोन लगाकर सीईओ जनपद सिरोंज शोभित त्रिपाठी को निलंबित करने का निर्देश दिया। सिरोंज में कन्या विवाह, निकाह योजना में गड़बड़ी मामले में सीएम काफी नाराज हुए और अधिकारियों से पूछा कि पैसा कैसे निकल गया? उन्होंने कहा कि जो आरोपी है, उसे हटाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर एफआईआर होनी चाहिए।
    प्रति व्यक्ति आय में आई कमी
    मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग की समीक्षा में कहा कि बजट के लिए जनता से सुझाव लें। टैक्स कलेक्शन में लीकेज रोकें। उन्होंने कहा चालू वित्तीय वर्ष के अंत में घाटे की प्रतिपूर्ति के लिए 52,266 करोड़ रुपए की जरूरत है जो जीडीपी का 5.51 फीसदी है। हमें राज्यों के करों से 64 हजार करोड़ मिल रहे हैं, जबकि एक लाख करोड़ से ज्यादा की राशि केंद्र से आ रही है। बैठक में सामने आया कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय प्रति वर्ष 62388 करोड़ रुपए थी जो घटकर 58425 करोड़ रह गई है।