मकर संक्रांति पर जाने ज्योतिषाचार्य की राय.

बात करने जैसा कि आप सब जानते हैं हमारे हिंदू सनातन परंपरा का बहुत ही पवित्र पावन एवं श्रेष्ठ त्योहारों में से एक मकर संक्रांति का पर्व आने वाला है तो आइये आज हम बात करेंगे कि मकर संक्रांति किसे कहते हैं या मकर संक्रांति क्या है .

जैसा कि हम जानते हैं ज्योतिष शास्त्र में मकर द्वादश राशियों में से एक राशि है संक्रांति एक सम उपसर्ग पूर्वक क्रमु कान्तौ धातु से गत्यर्थक भाव में यहा एक से दूसरी जगह जाना या कूदना ही संक्रांति का अर्थ होता है गत्यर्थक भाव में एक शब्द में कहें तो संक्रमण या सम्यक प्रकार से अर्थात सूर्य नारायण का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करना ही संक्रांति है और इनका जो पर्व होता है उस पर्व को मकर संक्रांति कहा जाता है ।

बहुत से स्थानों पर इस मकर संक्रांति को उत्तरायण पर्व भी कहा जाता है क्योंकि ऐसे समय भगवान सूर्यनारायण दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं ।

इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2022 को पड़ रहा है वही कुछ लोग उदया तिथि को लेकर के 15 को मना सकते हैं किंतु विशेषत: यह 14 को मनाया जाएगा चूंकि 14 को ही सूर्य नारायण का धनु से मकर राशि में प्रवेश होगा अतः अधिकतर 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। संपूर्ण जनमानस को अपने सौभाग्य एवं धन-धान्य की वृद्धि के लिए इस अवसर पर भगवान सूर्यनारायण की आराधना एवं पूजन अर्चन करना चाहिए ।

श्री ध्रुव जी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्म कारक ग्रह कहा जाता है एवं इनको पिता का कारक भी माना जाता है अतः जिन जिन लोगों को आत्मविश्वास में कमी, हृदय संबंधित समस्या एवं भय -अवसाद जैसी स्थिति बनी रहती है उन लोगों को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर भगवान सूर्यनारायण की आराधना अवश्य करनी चाहिए ।

ज्योतिषाचार्य श्री नागेंद्र किंकर ध्रुव जी ने बताया कि यह मकर संक्रांति का पर्व विद्यार्थियों,किसानों तथा पशुपालकों के लिए लाभदायी है लेकिन ज्योतिष शास्त्र के ग्रह गोचर के मुताबिक अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव , मौसम में बदलाव, एवं राजनैतिक उठापटक की प्रबल संभावना बन रही है ।
इसके साथ ही संक्रमण के बढ़ने के साथ -साथ अनाज,सब्जियां एवं खाद्य पदार्थों के मूल्य बढ़ने की भी प्रबल संभावनाएं हैं ।