शिव ‘राज’ के सबसे उत्तम मंत्री नरोत्तम

– सत्ता और संगठन के लिए बने संकटमोचक
– इंदौर और भोपाल में कमिश्नर प्रणाली और संपत्ति नुकसानी विधेयक लागू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका
भोपाच्छ।
।कुछ रले होते हैं जो यथा नाम-तथा गुण को

चरितार्थ करते हैं। ऐसे ही विरलों में से एक हैं नरोत्तम मिश्रा। अपनी कार्यप्रणाली, अपने समर्पण, अपनी सक्रियता से वे न केवल शिवराज सरकार के सबसे उत्तम मंत्री हैं बल्कि, अपने कर्तव्यों से वे शिव ‘राज’ के संकट मोचक भी साबित हुए हैं। नरोत्तम मिश्रा अपनी दूरदर्शिता, प्रबंधन क्षमता और अनुभव  से विपक्ष पर हमेशा भारी पड़े हैं। इसलिए सरकार में उन्हें गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि और विधायी कार्य विभाग की कमान दी गई है। साथ ही वे सरकार के प्रवक्ता भी हैं। राजनीति की चौसर पर सही चाल चलने के साथ ही अपने संसदीय ज्ञान और अनुभव से उन्होंने विपक्ष को हमेशा मात दी है। इसलिए सरकार के साथ पार्टी में भी उनकी हैसियत
दिन पर दिन बढ़ रही है। भाजपा के राजनीतिक संक्रमणकाल के दौरान नरोत्तम मिश्रा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संकटमोचन बनकर उभरे हैं। बेहतर समन्वय और प्रबंधन से शिवराज को मजबूत किया। सत्ता और संगठन पर उंगली उठाने वाले विपक्ष को अपने तर्कपूर्ण बयानों से हमेशा घेरने में नरोत्तम को महारत हासिल है।
सरकार के लिए सारथी की भूमिका में
नरोत्तम अपनी दूरदर्शिता, समन्वय की राजनीति, व्यक्तित्व, कार्यशैली और व्यवहार के कारण हमेशा सरकार की जरूरत बने रहते हैं। कितनी भी नाजुक स्थिति हो उनके चेहरे पर न कभी थकान नजर आती है न ही वो तनाव में दिखते हैं।  इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमेशा उन्हें चुनौतीपूर्ण विभाग और कार्य सौंपते हैं। आज नरोत्तम के पास गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि और विधायी जैसे प्रमुख विभाग हैं। प्रदेश के दो बड़े जिलों इंदौर और भोपाल में कमिश्नर प्रणाली लागू करवाने, मप्र लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक व नुकसानी की वसूली विधेयक-2021 को लागू कराने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसी तरह सदन के अंदर और बाहर सरकार का चेहरा चाहे फिर वो सरकार के प्रवक्ता या फिर संसदीय मंत्री के तौर पर उनकी भूमिका हो या फिर विभाग की कसौटी पर विरोधियों के आरोप के बावजूद उन्होंने अपनी योग्यता साबित की।
विपक्ष पर लगातार हमलावर
नरोत्तम मिश्रा की एक खासियत यह है कि वे विपक्ष पर लगातार हमलावर रहते हैं। कांग्रेस का कोई भी नेता सत्ता या संगठन पर सवाल उठाता है तो मिश्रा उसे करारा जवाब देने का कोई भी मौका नहीं चूकते हैं। प्रदेश में शायद ही कोई ऐसा दिन जाता होगा, जिस दिन कांग्रेस नरोत्तम मिश्रा के निशाने पर न हो। नरोत्तम मिश्रा पिछले कई सालों से शिवराज सरकार के प्रवक्ता की भूमिका भी निभा रहे हैं। कैबिनेट की नियमित ब्रीफिंग में सरकार के फैसलों और योजनाओं को मीडिया के सामने रखने वाले नरोत्तम ने भाजपा की सरकार में रहते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए आरोपों का भी जवाब दिया है।
सदन में एक ऊर्जावान मंत्री
नरोत्तम मिश्रा सदन में हमेशा ऊजार्वान नजर आते हैं। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का नजरिया नरोत्तम के प्रति संसदीय मंत्री रहते तो समझ में आता है जिनके बीच समन्वय और सामंजस्य जरूरी भी है, लेकिन यदि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नरोत्तम मिश्रा की तारीफ एक से ज्यादा बार वह भी सार्वजनिक तौर पर करें तो निश्चित तौर पर वह अपने इस सहयोगी मंत्री का हौसला बढ़ा रहे हैं और वह जानते हैं कि नरोत्तम का बेहतर और अच्छा उपयोग कहां किया जा सकता है। विधानसभा के अंदर फ्लोर मैनेजमेंट से लेकर दूसरे मोर्चों पर चाहे फिर वह विपक्ष या सरकार से जुड़ा कामकाज हो, संसदीय मंत्री के तौर पर नरोत्तम मिश्रा पर शिवराज का भरोसा बढ़ता ही गया है।
कुशल रणनीतिकार
विनोदी और वाकपटु नरोत्तम को चुनौतियों से निपटना आता है। इसी कारण वे भाजपा के लिए सबसे विश्वसनीय चुनावी रणनीतिकार भी बन गए हैं। ऐसे में पार्टी या सरकार पर संकट हो या फिर देशभर में कहीं भी चुनाव नरोत्तम मिश्रा तुरुप का इक्का साबित होते हैं। कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी कुशल चुनावी रणनीति का लोहा मनवाया है। शिवराज मंत्रिमंडल के संकटमोचक और पक्ष विपक्ष के नेताओं को अपना मुरीद बना लेने नरोत्तम को महारथ हासिल है।