शिव-वीडी के चुनावी दिमाग का उपयोग करेंगे सीएम योगी

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। जिस मॉडल पर

चुनाव प्रचार करने के बाद भले ही मप्र में भाजपा की सरकार न बन सकी हो, लेकिन भाजपा संगठन उसे न केवल प्रभावी मानती है बल्कि उसे जीत की राह भी मानती है। यही वजह है कि पड़ौसी राज्य उप्र में हो रहे विधान सभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की चुनावी जंग पर फतह पाने के लिए भाजपा ने मध्यप्रदेश के इस शिव -वीडी मॉडल वाले दिमाग को अपने चुनावी कैंपेन का मुख्य आधार बना लिया है। दरअसल इस मॉडल पर ही वर्ष 2018 में मप्र में हुए आम विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचार किया था। जिसे अब पूरी तरह से उप्र में भी आजमाया जा रहा है। भाजपा संगठन ने यूपी में मौजूदा सरकार व पूर्व की सपा सरकार के कार्यों का फर्क, कमल शक्ति संवाद अभियान और सुझाव आपका संकल्प हमारा जैसी चुनावी टैग लाइन पर पूरा जोर लगाया हुआ है।  दरअसल उप्र में भाजपा के सामने बड़ी चुनौती सपा द्वारा पेश की जा रही है। इस वजह से उप्र में भाजपा व सपा के बीच कड़ा मुकाबला है। इसकी वजह से ही भाजपा के रणनीतिकारों ने पूर्व की सपा सरकार के कामकाज को निशाने  पर रखने का तय किया है। मप्र में पार्टी के चुनावी रणनीतिकारों और प्रबंधकों ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जिस चुनावी अभियान पर काम किया था लगभग उसी से मिलता-जुलता कैंपेन यूपी के लिए भी चुना गया है। इस अभियान की मुख्य टैग लाइन में सिर्फ सरकार का फर्क है इसके तहत मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार के पांच साल के कामकाज की तुलना पिछली सपा सरकार के कार्यों से करने की रणनीति पर काम शुरू किया गया है। इसमें अपराधियों पर अंकुश, तुष्टिकरण का खात्मा, राम मंदिर निर्माण कार्य और विश्वनाथ मंदिर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए पिछली सरकार के रवैए की तुलना की जा रही है। इसके अलावा सरकार-सरकार के कार्यों और प्राथमिकता बताते हुए मौजूदा सरकार की उपलब्धियों पर भी फोकस किया जा रहा है। इस पंच लाइन के तहत मध्यप्रदेश में भाजपा ने पूर्ववर्ती दिग्विजय सरकार की नाकामियों को हाईलाइट करते हुए अपनी उपलब्धियों को जोर-शोर से बखान किया था।
मतदाताओं से किया जा रहा है संवाद
दूसरी चुनावी टैग लाइन है कमल शक्ति संवाद अभियान.. इसमें पार्टी ने बूथ से लेकर जिला स्तर पर समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद का सिलसिला शुरू किया है। महिलाओं से संवाद कार्यक्रम भी शुरू किया गया है।
पार्टी का मानना है कि योगी सरकार ने कानून व्यवस्था, शिक्षा- स्वास्थ्य और विकास कार्यों से जुड़े मामलों में जो नवाचार किए हैं उन उपलब्धियों को महिला, युवा, किसान और समाज के अन्य प्रबुद्ध वर्गों के बीच जाकर संवाद का सिलसिला चलाया जा रहा है। इसमें छोटी- छोटी टोलियों को भी लगाया गया है।
घोषणा पत्र पत्र के लिए भी मप्र के पैटर्न को चुना
भाजपा ने विधानसभा का चुनावी संकल्प पत्र अर्थात घोषणा पत्र बनाने के लिए सभी जिलों में जाकर लोगों से सुझाव आमंत्रित किए थे। इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लगाया गया था जिन्होंने, विभिन्न वर्षों से रूबरू चर्चा के दौरान यह जानने की कोशिश की थी घोषणा पत्र में किन मुद्दों को शामिल किया जाए। अब यही प्रयोग उप्र में भी किया जा रहा है। सभी समाज और वर्गों के मतदाताओं के पास जाकर क्षेत्रीय नेता सरकार की प्राथमिकता क्या हो, किन कार्यों को घोषणा पत्र में शामिल किया जाए ऐसे बिंदुओं को सुझाव के तौर पर मांग रहे हैं। मतदाताओं को कहा जा रहा है कि आपके सुझावों को हम संकल्प के तौर पर लेंगे।