दिल की बात आप के साथ, बलराम पांडेय

सच मे कड़वाहट होना स्वाभाविक है और इसलिए अक्सर कहा जाता है कि सच कड़वा होता है

और सच सुनने के लिए कान से ज्यादा बुद्धि और विवेक की आवश्यक्ता होती है जिनके पास ये सब मौजूद हो तो वो इस बात को सुन सकते है

उड़ती धूल और खराब सड़क आखिर चुरहट के नागरिकों को कब तक काल के गाल मे ढकेलती रहेगी, यह प्रश्न किसी एक व्यक्ति विशेष का नहीं होना चाहिए यह प्रश्न चुरहट की समस्त जनता जनार्दन का होना चाहिए मुझे याद है एक वह समय था जब पूरे प्रदेश क्या पूरे देश में चुरहट का डंका बजता था लेकिन बीते 15 सालों से चुरहट की इतनी दुर्दशा हो गई है कि लोग चुरहट क्षेत्र को गुलामो का क्षेत्र कहने में मजबूर हो गए हैं

अब सवाल ये उठता है कि आखिर जनता को गुलाम क्यों कहा जा रहा है इसका जवाब सीधा है सभी आम जनमानस को पता है कि चुरहट की जर्जर सड़क से उड़ती धूल एवं होने वाली दुर्घटनाएं कितनी बार लोगों को स्वर्ग लोक की यात्रा करा चुकी है जनता को यह भी पता है कि जितने आंदोलन सड़क के लिए किए गए वे सभी किसी न किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा किए गए जिसमें केवल अपने आप को फ्रंट में लाना मुख्य उद्देश्य था जबकि कोई भी पार्टी सड़क बनाने में दिलचस्पी नहीं रखती उन्हें केवल राजनीतिक रोटी सेकने से मतलब है और जनता तमाशबीन की तरह तमाशा देख रही है यही कारण है कि जनता चुरहट की गुलाम हो चुकी है

लेकिन एक दूसरा पहलू भी है अगर वास्तव में जनता चाहे तो रोड 2 महीने के अंदर बन सकती है लेकिन चुरहट की जनता को सार्वजनिक कार्यों में कोई दिलचस्पी आज तक नहीं देखने को नहीं मिली वह नेताओं के पीछे जिंदाबाद जिंदाबाद के नारे लगाने लायक हैं ज्यादा हुआ तो मुर्दाबाद के नारे लगा दिए जाएंगे, यह मेरी व्यक्तिगत विचार है

कल लगभग सायं 4:00 बजे एक विद्वान समाजसेवी अधिवक्ता जिनका बड़ा नाम है उनके पास में बैठा था और सड़क के बारे में चर्चा करने लगा उन्होंने कहा कि यह सड़क नेताओं के बस का नहीं है यह जनता जनार्दन चाहे तो सड़क 2 से 3 महीने के अंदर बन सकती है यदि एक हाई कोर्ट में दायर कर दिया जाए तो सड़क बनाने में समय नहीं लगेगा हां थोड़ा खर्चा आएगा लेकिन जनता शायद इसके लिए भी तैयार ना हो तब मैंने चुरहट के नागरिक होने के नाते कहा कि आप पीआईएल दायर करें सभी हमारे व्यापारी साथी एवं पीड़ित व्यक्ति आगे आएंगे यह मेरा विश्वास है मेरा विश्वास कितना सही है यह एक यक्ष प्रश्न की तरह मेरे मस्तक पटल पर शेषनाग की तरह पूरी रात मडरा रहा था,

आप सभी के लिए इन सब्दो का उपयोग करने वाला घोर अपराधी आपका बलराम पांडेय