*नैकहाई युद्ध में बलिदान हुये अपने वंशजों का क्षत्रियों द्वारा 8 फरवरी को किया जाऐगा श्रद्धांजलि सभा*
*8 फरवरी 1796 में बलिदान हुए वीर सैनिकों के वंशजों का सम्मान व परिचय सम्मेलन का भी होगा भव्य आयोजन*
मंगलभारत सीधी/- आप सबको भारत देश के कुछ वीर योद्धाओं के संदर्भ में बताने जा रहा हूं।बघेलखंड के इतिहास में 1796 में नैकहाई नाम से एक महत्वपूर्ण जंग मानी जाती है।जिसमें रीवा राज्य क्षत्रियों ने बड़े ही शौर्य एवं पराक्रम से पेशवा बाजीराव एवं मस्तानी बेगम के पोता अली बहादुर के सेनापति यशवंत राय नायक की 10,000 सेना के विरुद्ध रीवा राज्य की मात्र 200 सेना दल के घमासान युद्ध कर पराजित किया। इस युद्ध के वीर योद्धा बरगाही पंचम सिंह परिहार बिछिया रीवा एवं बहादुर सिंह कल्चुरी रायपुर कर्चुलियान की अहम भूमिका रही।युद्ध भूमि नैकहाई में श्री पंचम सिंह मोतियों की माला पहने हुए कई दुश्मनों को मारते हुए बढ़ ही रहे थे तभी कायरों की तरह दुश्मन सेना के सैनिकों ने पीछे से भाले से हमला कर दिए।जिसमें यह जख्मी होकर जमीन पर गिर पड़े और इनका दाया हाथ ऊपर से काट दिया गया।वहीं घायल अवस्था में ही उन्होंने आपने घोड़ा पर सवार होकर घोड़े की लगाम मुंह में दबाकर बाएं हाथ से ही अपनी तलवार से कई दुश्मन सैनिकों के मौत के घाट उतार दिए।एक हाथ ऊपर से कट जाने के कारण काफी खून बह रहा था तभी दुश्मनों की सेना मौका का फायदा उठाते हुए इन्हें चारों तरफ से घेर कर घायल अवस्था में ही मार दिया।नैकहाई युद्ध स्थल बाबूपुर चौराहा रीवा में आज भी कई छतरिया विद्वमान हैं।उसमें से इनकी छतरी कीनक्काशी कला की दृष्टि से बेजोड़ है।इनको मुड़वार में गोरबी गांव प्रदान किया गया था,इनके गढी के कुछ अवशेष आज भी रीवा किला में विद्वमान है।
सन 1703 में रीवा राजा अवधूत सिंह मात्र छह माह के थे उस समय कल्चुरियान सैनिक और बुंदेला के बीच युद्ध हुआ यह युद्ध रायपुर कल्चुरियान के साहब राय के नेतृत्व में युद्ध हुआ ।विशेष बात यह रही कि मात्र 19 वर्ष की आयु में रायपुर कल्चुरियान से ही मर्दन राय बलिदान हुए जिनकी छतरी आज भी रीवा जिले के मुख्य दरवाजे के पास मौजूद है।
उपरोक्त दोनों ऐतिहासिक युद्ध के विषय में विगत दिनांक 04 फरवरी 2022 को माननीय राजकरण सिंह परिहार चिंनगहाई मुर्तला कोठार वार्ड क्रमांक03 रामपुर नैकिन जिला सीधी मध्य प्रदेश के यहां बैठक हुई जिसमें नैकहाई युद्ध के प्रेरणा स्रोत माननीय महारानी कुंदन कुवरि रीवा को विशेष रूप से याद किया गया।महाराजा अजीत सिंह की महारानी जब देखा कि पेशवा के 10000 की सैनिक को देखकर रीवा की 200 सेना हतोत्साहित हो रही है तो एक थाल में पान की वीरा एक थाल में चूड़ियां सजाकर दरवाजे में बैठे वीर सैनिकों के पास भेजकर यह हुक्म दिया कि जिसे युद्ध में सम्मिलित होना है पान का बीड़ा उठाए अन्यथा चूड़ी पहने।वहीं यह सुनकर पहले ही रायपुर कल्चुरियान के बहादुर सिंह एवं बिछिया रीवा के बरगाही पंचम सिंह परिहार ने बीड़ा उठा लिया।तत्पश्चात युद्ध हुआ और युद्ध में फतेह प्राप्त हुई।इस संदर्भ में नैकहाई युद्ध में हुए बलिदान वीर सैनिकों के वंशजों के परिचय एवं सम्मान का सम्मेलन नैकहाई युद्ध स्थल बाबूपुर चौरहटा रीवा में 8 फरवरी 2022 को सम्पन्न होगा।
वहीं आयोजित होने वाली बैठक के मुख्य अतिथि माननीय लाल बहादुर सिंह कल्चुरी पूर्व जनपद अध्यक्ष रायपुर कल्चुरियान एवं अध्यक्ष माननीय त्रिवेणी सिंह परिहार चिनगहाई कोठार रामपुर नैकिन के विशिष्ट अतिथि माननीय देवेंद्र प्रताप सिंह (ज्ञान) ड़िहिया रीवा त्रिनेत पत्रिका के संपादक अरुण सिंह बघेल महासूआ कैलाश सिंह परिहार पिपराव प्रदीप तिवारी आगरा उत्तर प्रदेश संतोष तिवारी पूर्व सरपंच पिपराव जितेंद्र सिंह परिहार नृपेन्द्र सिंह परिहार केशव सिंह परिहार विनोद सिंह परिहार पार्षद के अलावा महेश सिंह परिहार बलराज सिंह परिहार दीपक सिंह परिहार नागेंद्र सिंह परिहार ( रिंकू) अमरजीत सिंह परिहार जैसे कई सम्मानित लोग उपस्थित रहें।