कट्टरपंथी आईएएस नियाज खान भी उतरे फिल्म विवाद में

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। कश्मीरी पंडितों के

पलायन और अत्याचार पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर देशभर में जारी सियासी विवाद के बीच अब मप्र कॉडर के कट्टरपंथी आईएएस अफसर नियाज खान भी इसमें उतर गए हैं। इस फिल्म को लेकर उनके द्वारा अप्रत्यक्ष रुप से सोशल मीडिया पर फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री का नाम लिए वगैर हमला बोला गया है। उन्होंने लिखा है कि मुसलमान कीड़े नहीं, निमार्ता उनके नरसंहार पर भी फिल्म बनाएं। उधर, इसके बाद भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने नियाज खान पर पलटवार किया है। उन्होंने इस मामले में कहा है कि सरकार को न केवल इस मामले में उनसे स्पष्टीकरण लेना चाहिए , बल्कि नियाज को  इस्लामिक कट्टरवाद पर भी किताब लिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा में रहते हुए मुसलमानों के प्रति चिंता व्यक्त करना संघ लोक सेवा आयोग के आचरण नियमों के विपरीत है । यदि मुसलमानों का रहनुमा बनने का शौक है तो आप नौकरी छोड़कर मैदान में आइए। दरअसल खान द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया है कि अलग-अलग मौकों पर मुसलमानों के नरसंहार को दिखाने के लिए एक किताब लिखने की सोच रहा था, ताकि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म कुछ निमार्ता द्वारा बनाई जा सके। अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा को भारतीयों के सामने लाया जा सके। हत्या किसी मुसलमान, हिंदू या सिख की नहीं होती है, बल्कि इंसान की होती है। इसलिए ऐसी घटनाओं को हिंदू-मुस्लिम की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए, बल्कि इंसानियत दिखाना चाहिए। उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा है कि द कश्मीर फाइल्स ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए एक फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं, बल्कि इंसान हैं और देश के नागरिक हैं।
सुर्खियों में बने रहते हैं नियाज खान
आईएएस नियाज खान लेखक भी हैं, जो मुसलमानों की हिंसक छवि को मिटाने के लिए शोध कर रहे हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम पर नॉवेल और आश्रम वेबसीरीज के डायरेक्टर प्रकाश झा पर अपनी कहानी चुराने का आरोप लगाकर सुर्खियों में रह चुके नियाज ने हाल ही में उन्होंने यजीदियों पर किताब बी रेडी टू डाई लिखी है। इसमें उनके द्वारा  बताया गया है कि नॉर्थ इराक के यजीदी हिंदुओं का ही रूप हैं। वे भी हिंदुओं की तरह सूर्य और अग्नि के उपासक हैं। उनका इस्लामिक चरमपंथियों ने उनका जमकर कत्लेआम किया।
रामेश्वर ने यह भी दी नसीहत
नियाज खान के ट्वीट पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा है कि वैसे तो देश में कही दंगे नहीं हो रहे, न हो पाएंगे, लेकिन पूर्व में हुए भिवंडी, भागलपुर, मुजफ्फरनगर, बंगाल, केरल में हिंदू-मुस्लिम दंगों में भी हिंदुओं की मौत का आंकड़ा मुस्लिमों की मौत से ज्यादा निकलेगा। एक बात और नियाज खान जी, मुस्लिमों के लिए कीड़ा-मकोड़े जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि भारत में सच्चे देशभक्त एपीजे अब्दुल कलाम साहब, अशफाक उल्लाह खां, जैसे भी हुए हैं।
मुस्लिम समाज भी कर चुका है नियाज का विरोध
नियाज अहमद का नॉवेल अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम और बॉलीवुड अदाकारा मोनिका बेदी की लव स्टोरी के दफन राज काफी चर्चा में रहा था। उन्होंने तीन तलाक पर भी उपन्यास लिखा। इसे लेकर मुस्लिम समाज में भी उनका विरोध हुआ था। नियाज अब अपने ऊपर अगला नॉवेल लिखेंगे, जिसमें उनके साथ सरकारी नौकरी में जो हुआ, उसका खुलासा करेंगे। गुना में ओडीएफ घोटाला उजागर करने के बाद शिवराज सरकार ने उन्हें मंत्रालय में पदस्थ कर दिया था। वे ऐसे अफसर हैं, जो सरकार और प्रशासनिक सिस्टम की लगातार आलोचना करते आए हैं।